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प्याज की रोपाई के लिए उपयुक्त समय

हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े में कृषि एवं पशुपालन कार्य कार्यों के बारे में बताया कि अगले पांच दिनों में वारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान 15-16 डिग्री औ न्यूनतम तापमान 7-

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:15 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:17 AM (IST)
प्याज की रोपाई के लिए उपयुक्त समय
प्याज की रोपाई के लिए उपयुक्त समय

संवाद सहयोगी, पालमपुर : चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने किसानों को सलाह दी है कि प्रदेश के निचले क्षेत्रों जहां गेहूं की बिजाई नवंबर में की गई है और खरपतवारों में 2-3 पत्तियां आ गई हैं, वहां खरपतवार नियंत्रण के लिए वेस्टा 16 ग्राम प्रति 30 लीटर पानी या क्लोडिनाफॅाप 24 ग्राम 30 लीटर पानी में घोल कर प्रति कनाल की दर से छिड़काव करें। इसके अलावा प्रदेश के निचले एवं मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में प्याज की तैयार पौध की रोपाई 15-20 सेमी पंक्तियों में तथा 5-7 सेमी की दूरी पर करें। रोपाई के समय 250 क्विंटल गोबर की खाद के अलावा 235 किग्रा इफको 12:32:16, मिश्रित खाद, 35 किग्रा. म्यूरेट ऑफ पोटाश तथा 105 किग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर खेत में डालें। रोपाई के बाद खेतों में हल्की सिचाई जरूर करें।

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आलू की सुधरी किस्मों का करें चयन

मध्यवर्ती क्षेत्रों में आलू की बुआई के लिए सुधरी किस्मों कुफरी ज्योति, कुफरी गिरीराज व कुफरी चंद्रमुखी का चयन करें। बुआई के लिए स्वस्थ, रोगरहित, साबुत या कटे हुए कंद, वजन लगभग 30 ग्राम व कम से कम 2-3 आंखें हों, का प्रयोग करें। बुआई से पहले कंदों को डाइथेन एम-45, 25 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के घोल में 20 मिनट तक भिगोने के बाद छाया में सुखाकर बुआई करें। आलू की बिजाई 15-20 सेमी आलू से आलू तथा 45-60 सेमी पंक्तियों की दूरी पर मेढ़े बनाकर करें। बुआई के समय 250 क्विंटल गोबर की खाद के अलावा 250 किग्रा इ्रफको 12:32:16, मिश्रण खाद तथा 65 किग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर में डालें।

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सब्जियों की करें गुड़ाई

सब्जियों जैसे फूलगोभी, बंदगोभी, गांठगोभी, ब्रॉकली, चाइनीज बंदगोभी, पालक, मेथी, मटर व लहसुन की निराई-गुड़ाई करें। नत्रजन 40-50 किग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर डालें।

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दीमक व सफेद सूंडी से करें बचाव

जिन क्षेत्रों में कीटों जैसे दीमक, कटुआ कीट, सफेद सूंडी व लाल चींटियों का गेहूं, आलू व सब्जियों में अधिक प्रकोप होता है, वहां फसल की बिजाई अथवा रोपाई से पहले मिट्टी में क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी कीटनाशक को शाम के समय 2 लीटर क्लोरपाईरीफॉस 20 ईस को 25 किग्रा रेत में प्रति छिड़काव करें। इसके अलावा सरसों अथवा गोभीवर्गीय सब्•िायों में तेले एफिड के नियंत्रण के लिए मैलाथियान 50 ईसी 30 मिली दवा 30 लीटर पानी में घोलकर प्रति कनाल छिड़काव करें।

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चारे के लिए करें जई की कटाई

हरे चारे की पूर्ति को ध्यान में रखते हुए सरसों मिश्रित जई की कटाई कर सकते हैं। यदि पशुओं को केवल सूखा चारा ही खिला रहे हों तो प्रत्येक पशु को प्रतिदिन 40 ग्राम की दर से खनिज लवण मिश्रण अवश्य खिलाएं। पशुओं को दिन में धूप और रात को अंदर बांधें और सर्दी से बचाव का हरसंभव उपाय करें। दाना मिश्रण में 2-3 फीसद ऊर्जा की मात्रा बढ़ा दें और प्रोटीन की मात्रा घटा लें।

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पशुओं के थनों में लगाएं मक्खन

दूध निकालने के बाद पशुओं के थनों पर वैसलीन या मक्खन लगा दें। यदि पशु बीमार हो और आंखों और नाक से पानी बहता हो तो पशु चिकित्सक की सहायता लें। गर्भाधारण सुनिश्चित करने के लिए पशुओं का निरीक्षण 2-3 महीने के अंदर करवा लें। भैसों में गर्माने के लक्षण मंद होते हैं, इसलिए सुबह-शाम भैसों में इसका विशेष ध्यान रखें।


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