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तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने व उपचार के निर्देश जारी, पांच वर्ष से कम के बच्चों को न पहनाए मास्क

Coronavirus Third Wave कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने और उपचार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। बच्चों के उपचार के लिए प्रबंधन को चार श्रेणियों में बांटा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 07:42 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 07:42 AM (IST)
तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने व उपचार के निर्देश जारी, पांच वर्ष से कम के बच्चों  को न पहनाए मास्क
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Third Wave, कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने और उपचार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। बच्चों के उपचार के लिए प्रबंधन को चार श्रेणियों में बांटा है। बच्चों में हल्के व मध्यम कोरोना के मामलों में घर पर आइसोलेशन में ही इलाज किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि गंभीर मामलों में अस्पतालों में दाखिल किया जाएगा और बच्चों को रेमडेसिविर न देने का निर्देश हैं। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन 6 से 11 वर्ष तक की आयु के बच्चों को माता-पिता की देखरेख में ही मास्क पहन की सलाह दी गई है।

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संदिग्ध संपर्क होने के कारण गले में खराश, बहती नाक और अन्य लक्षणों के साथ सांस लेने में कोई कठिनाई न होने पर होम आइसोलेशन में देखभाल की जानी चाहिए। ऐसे बच्चों के लिए टेली-परामर्श सेवाओं का उपयोग किया जाना चाहिए। मध्यम से गंभीर लक्षण वाले बच्चों को तुरंत अस्पताल शिफ्ट किया जाए।

ब्लैक फंगस की भी आशंका

कोविड की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावनाओं के साथ कोविड पाजिटिव आने के बाद म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले आने की भी आशंका है इसलिए इस संबंध में भी निर्देश जारी किए गए हैं। बच्चा राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस या गेस्ट्रो-आंत ब्लैक फंगस से पीडि़त हो सकता है। इसके लक्षणों में राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस में चेहरे का दर्द, साइनस के ऊपर दर्द, पेरिआर्बिटल सूजन, रसायन, दृष्टि का धुंधलापन, आधे चेहरे पर सनसनी,त्वचा का काला पडऩा, नाक का क्रस्टिंग और नाक से स्राव जो काला हो सकता है, या खून के रंग का हो सकता है, दांतों का ढीला होना, दांतों और मसूड़ों में दर्द, तालु का पीला व स्पर्श करने के लिए असंवेदनशील और सीने में दर्द; सिरदर्द, चेतना में परिवर्तन और दौरे आदि। जबेकि गेस्ट्रो इंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिसके लक्षण में पेट में गड़बड़ी, रक्तस्राव आदि शामिल हैं।

अधिकारियों को दिए निर्देश

मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश डा. निपुण जिंदल का कहना है तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ये निर्देश सभी सीएमओ व अन्य अधिकारियों को भी दिए गए हैं।


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