सही नहीं आहार, श्रम भी कम
खान-पान जितना बेहतर होगा व्यक्ति उतना ही निरोग होगा। यह सब जानते हुए भी हिमाचल के 35 प्रतिशत लोग ऐसा आहार खा रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। लोग शारीरिक श्रम भी कम कर रहे हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री निरोग योजना के आंकड़ों से सामने आई है।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला । खान-पान जितना बेहतर होगा व्यक्ति उतना ही निरोग होगा। यह सब जानते हुए भी हिमाचल प्रदेश के 35 प्रतिशत लोग ऐसा आहार खा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। लोग शारीरिक श्रम भी कम कर रहे हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री निरोग योजना के आंकड़ों से सामने आई है। योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसमें गैर संचारी रोग (एनसीडी) जो एक से दूसरे में नहीं फैलते हैं, उन्हें लेकर चारस्तरीय स्स्क्रीनिंग की गई। इसमें 25.45 लाख में से 8.91 लाख लोग ऐसे पाए गए, जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त आहार नहीं ले रहे हैं। किन्नौर, शिमला व लाहुल स्पीति के 50 प्रतिशत लोग ऐसा आहार खा रहे हैं।
पीएम भी कर चुके हैं स्क्रीनिंग प्रक्रिया की सराहना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल की स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सराहना कर चुके हैं और अन्य राज्यों को भी इसे अपनाने के लिए कहा था।
इस तरह हो रही स्क्रीनिंग-घर-घर जाकर आशा वर्कर परिवार की स्क्रीनिंग करती है। इसके बाद महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) स्क्रीनिंग करती है। फिर टेस्ट और जांच चिकित्सा अधिकारी करता है। अंत में गैर संचारी रोग से ग्रसित पाए जाने पर उपचार किया जाता है।
इन रोगों की हो रही स्क्रीनिंग
कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, बहरापन, अंधापन, लंबे समय से फेफड़ों में रुकावट, मिर्गी, हृदय रोग, मानसिक रोग, गुर्दा रोग।
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हर व्यक्ति का ई-स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के पास भी बीमार और उनसे उपचार का डाटा रहेगा। 2023 तक सभी की स्क्रीङ्क्षनग करने का लक्ष्य है।
-हेमराज बैरवा, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हिमाचल प्रदेश।
स्क्रीनिंग में सामने आए तथ्य
किन्नौर,28104,63,32
शिमला,335745,53,41
लाहुल स्पीति,9950,51,24
बिलासपुर,180717,44,33
चंबा,115192,39,35
कुल्लू,222603,37,23
सिरमौर,194503,36,30
सोलन,137028,36,28
कांगड़ा,363998,33,32
मंडी,624690,31,26
हमीरपुर,199974,20,19
ऊना,132726,20,20
(नोट : नुकसानदायक आहार लेने वाले व श्रम न करने वालों को आंकड़ा प्रतिशत में)