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नापे पहाड़, जीता सोना

भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले जिनसन जॉनसन समेत चार गुणा 400 मीटर रिले की पदकधारक सरिताबेन गायक्वाड़ और एमआर पूवम्मा भी धर्मशाला में पसीना बहा चुकी हैं।

By Munish DixitEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:38 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:51 AM (IST)
नापे पहाड़, जीता सोना
नापे पहाड़, जीता सोना

मुनीष गारिया, धर्मशाला। पहाड़ों को नापकर धावकों ने एशियन गेम्स जकार्ता में पदकों की राह बनाई है। 1500 मीटर दौड़ में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले जिनसन जॉनसन समेत चार गुणा 400 मीटर रिले की पदकधारक सरिताबेन गायक्वाड़ और एमआर पूवम्मा भी धर्मशाला में पसीना बहा चुकी हैं। ये धावक यहां रोज साढ़े पांच घंटे पसीना बहाते थे। सप्ताह के पांच दिन सिंथेटिक टै्रक पर अभ्यास होता था, जबकि दो दिन धर्मशाला से खनियारा गांव तक सड़क नापी जाती थी।

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रिले में स्वर्ण पदक जीतने वाले टीम सदस्यों हिमादास व विस्मय कोरोथ को छोड़कर सरिताबेन गायक्वाड़ और एमआर पूवम्मा ने एशियन गेम्स की तैयारी धर्मशाला में की है। दोनों ने इस वर्ष मई से जून तक धर्मशाला में नेशनल कैंप लगाया था। सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास के बाद धर्मशाला स्टेडियम से होते हुए दाड़ी-कंड और खनियारा तक दौड़ लगाती थीं। यही नहीं शॉटपुट में पदक जीतने वाले तजिंद्र पाल सिंह तूर व धावक सुधा सिंह धर्मशाला में अभ्यास कर चुकी हैं। तीनों धावक धर्मशाला में दो सत्रों सुबह साढ़े पांच से आठ बजे और शाम के सत्र में चार से सात बजे तक अभ्यास करते थे।

धर्मशाला में द्रोणाचार्य अवार्डी एथलेटिक कोच जीएस भाटिया ने इन प्रतिभाओं को निखारने में अहम भूमिका निभाई है। जिनसन जॉनसन ने 2015 मार्च से जून तक धर्मशाला में अभ्यास किया था। उसके बाद उन्होंने 800 और 1500 मीटर के दो नेशनल रिकार्ड भी अपने नाम किए हैं। केरल के जिनसन जॉनसन ने इसी वर्ष जून के गुवाहाटी में हुई राष्ट्रीय खेलों में 800 मीटर दौड़ में श्रीराम सिंह का 42 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। मार्च में 1500 मीटर दौड़ का भी नेशनल रिकार्ड बनाया था। उधर, साई हॉस्टल प्रभारी एवं एथलेटिक कोच केयर सिंह पटियाल ने बताया कि तीनों खिलाड़ियों ने धर्मशाला में अभ्यास किया है। रिले की दोनों धावकों का नेशनल कैंप इसी वर्ष यहीं लगा था।


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