इस शहर की समृद्धि व सुरक्षा के लिए दिया जाता है भस्म का कवच, जानिए क्या है महत्व
shivaratri festival mandi अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के समापन पर उत्तरशाल के टिहरी के देव आदि ब्रह्मा ने कार बांध शहर की सुरक्षा व समृद्धि के लिए कवच प्रदान किया।
मंडी, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के समापन पर उत्तरशाल के टिहरी के देव आदि ब्रह्मा ने कार बांध शहर की सुरक्षा व समृद्धि के लिए कवच प्रदान किया। रियासत काल से चली आ रही इस परंपरा का सोमवार को सेरी मंच के साथ सटे प्राचीन श्यामकाली मंदिर से देवता के गूरों ने शहर की परिक्रमा शुरू की। इसके बाद चौहटा से समखेतर होते हुए दोबारा सेरी मंच पहुंचे। परिक्रमा के दौरान जौ का आटा व भस्म डालकर बुरी शक्तियों को भगाया। इस दौरान देवता के देवलुओं ने जौ के आटे का गुलाल की तरह हवा में उछाल कर बुरी आत्माओं को दूर रहने का आह्वान किया। अंत में सेरी मंच पर कार की रस्म निभाई। बताया जाता है कि कार बांधने से शहर में बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं। इससे शहर सुरक्षित रहता है। रजवाड़े के समय राजा देव आदि ब्रह्मा से कार बंधवाते थे। अब तक यह परंपरा कायम है।
इससे पूर्व मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर की ओर से राज राजेश्वरी के मंदिर में पूजा अर्चना की गई। चौहटा बाजार में मौजूद देवी-देवताओं को चदरें और पूजा सामग्री भेंट करने के पश्चात देवी देवता वापस लौट गए । एक सप्ताह तक मंडी शहर ढोल नगाड़ों, शहनाई करनाल और रणसिंगों के समवेत सवरों से गुंजायमान रहा। देवता के देवलू भी नाचते गाते हुए अपने देवता के साथ गांव लौट गए। मंडी शिवरात्रि महापर्व लोक देवताओं की उपस्थिति में लोकोत्सव का रूप ले लेता है।