एनएच पर बेसहारा पशु, बाजार में बंदरों का डर
नूरपुर शहर के लोगों का बेसहारा पशुओं ने जीना दूभर कर दिया है।
प्रदीप शर्मा, नूरपुर
नूरपुर शहर के लोगों का बेसहारा पशुओं ने जीना दूभर कर दिया है। लोग बेसहारा पशुओं के साथ बंदरों के आतंक से भी परेशान हैं लेकिन वन विभाग व नगर परिषद समस्या का समाधान करने में असहाय है। नूरपुर शहर के डूंगा बाजार, मेन बाजार, चौगान बाजार, राष्ट्रीय राजमार्ग व कोर्ट रोड के साथ अन्य स्थानों व गलियों में बेसहारा पशु घूमते व गंदगी फैला रहे हैं। पशु दुकानों के आगे रखे सामान को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं।
नूरपुर शहर में सैकड़ों लोग बंदरों के हमले में घायल हो चुके हैं जबकि बंदरों के हमले से अपने आप को बचाने में दो लोगों की जान भी जा चुकी है। बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक डूंगा बाजार, किला मैदान, रामपुरी मोहल्ला व विनय गली में है। बच्चे रोजाना जान जोखिम में डाल स्कूल जाते हैं। कुछ समय पहले वन विभाग ने नूरपुर में बंदरों को पकड़ने की कवायद शुरू की थी, उस दौरान कुछ बंदर पकड़े भी गए थे लेकिन अब बंदर पहले की तुलना में काफी हमलावर हो गए हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बेसहारा पशुओं को जल्द गोसदनों में भेजने की व्यवस्था की जाए व शहर को बंदरों से मुक्त किया जाए।
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बेसहारा पशुओं व बंदरों के आतंक के कारण लोगों व दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन को कारगर कदम उठाना चाहिए।
-अश्वनी सूरी, अध्यक्ष, व्यापार मंडल नूरपुर।
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बेसहारा पशु जहां शहर में गंदगी फैला रहे हैं वहीं दुकानों में रखे सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रशासन बेसहारा पशुओं को गोसदन में भेजे।
-संजीव महाजन बिट्टू, महासचिव, व्यापार मंडल नूरपुर।
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बेसहारा पशु परेशानी का सबब बने हुए हैं। लोगों को हर समय बेसहारा पशुओं के हमले का डर रहता है। प्रशासन जल्द समस्या का समाधान करे।
-ज्योति महाजन, दुकानदार।
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बेसहारा पशुओं को गोसदन भेजने के लिए नगर परिषद के साथ बैठक की जाएगी। बंदरों की समस्या से निपटने के लिए जल्द ही नगर परिषद व वन विभाग से बैठक कर रणनीति तय की जाएगी। पालतू पशुओं को लोग बेसहारा न छोड़ें। यदि बाजार, सड़क व गलियों में पालतू पशु दिखाई दिए तो उन्हें भी गोसदन भेजा जाएगा।
-अनिल भारद्वाज, एसडीएम, नूरपुर।