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Himachal Cabinet Decision: इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक नहीं मिलेगा अनुदान

Cabinet Meeting हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने कई निर्णय लिए हैं। आयकर देने वाले लोगों को सबिसडी नहीं दी जाएगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 07:29 AM (IST)
Himachal Cabinet Decision: इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक नहीं मिलेगा अनुदान
Himachal Cabinet Decision: इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक नहीं मिलेगा अनुदान

शिमला, जेएनएन। राज्य अतिथिगृह पीटरहॉफ में बुधवार को सुबह 11 बजे प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने कई निर्णय लिए हैं। आयकर देने वाले लोगों को सबिसडी नहीं दी जाएगी। दालें, तेल व चीनी पर अनुदान कम किया है। एपीएल के भी डेढ़ लाख परिवारों को बीपीएल के बराबर आटा व चावल मिलेगा। चीनी पर मिलने वाली सबसिडी आधी कर दी गई है, जो पहले 12 रुपये मिलती थी अब छह रुपये ही मिलेगी। एक साल के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इस फैसले से सरकार की 31 करोड़ रुपये की बचत होगी।

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कोरोना संकट से जूझ रही सरकार ने आयकर चुकाने वालों को सस्ते राशन पर मिलने वाला उपदान खत्म करने का निर्णय लिया है। आयकर भुगतान करने वालों को सार्वजिनक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन पर अधिक दाम चुकाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने शिमला शहर स्थित इंडस अस्पताल को कोविड-19 के तहत अधिग्रहण करने के लिए कमेटी का गठन किया है। सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत डेढ़ लाख परिवारों को शामिल करने का फैसला लिया।

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ऐसा करने से इन परिवारों को 3.30 रुपये किलो आटा, 2 रुपये किलो चावल मिलेगा। गरीब परिबारों को सस्ता राशन प्राप्त होता रहेगा मगर एपीएल परिवारों को मिलने वाली दालों, खाद्य तेल और चीनी पर मिलने वाले उपदान को कम किया गया है। कोरोना के संभावित संक्रमण को देखते हुए सरकार ने शिमला शहर के साथ लगते इंडस अस्पताल के मालिकों से इस परिसर को पीपीपी या फिर लीज पर लेने की स्वीकृति प्रदान की है। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। यह अस्पताल भविष्य में सरकार किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में इस्तेमाल करेगी।

17 मई को लॉक डाउन का तीसरा चरण समाप्त हो रहा है। उसके बाद चौथे चरण में जिला के भीतर परिवहन निगम व निजी बस ऑपरेटरों को 50 फीसद सीटों के साथ बसें चलाने की इजाजत दी जाएगी। एक जिला से दूसरे जिला में आने-जाने के लिए परमिट लेना पड़ेगा। प्रदेश में स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान खोलने और परिवहन सुविधा शुरू करने को लेकर चौथा लॉक डाउन शुरू होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के उपरांत होगी।

सरकार एपीएमसी और उद्योग विभाग से जुड़े तीन अध्यादेश लेकर आएगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में मौजूद श्रमिक दूसरे राज्यों को न लौटें, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से प्रदेश में लौटे लोगों की श्रम कुशलता को देखा जाएगा। ऐसे लोगों को कोरोना समाप्त होने के बाद पर्यटन क्षेत्र में शामिल किया जाएगा।

बैठक में कफ्र्यू छूट सुबह सात से लेकर शाम सात बजे तक करने पर फैसला लिए जाने

की उम्मीद थी।

सरकार को इसका सुझाव प्राप्त हुआ था कि राज्य में विकासात्मक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए।

लेकिन इस बारे में अभी फैसला नहीं लिया गया है।

प्रदेश में लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद किस तरह से प्रदेश को आगे लेकर चलना है, इस पर सरकारी विभागों से प्राप्त योजना पर चर्चा

हुई।

तीसरे चरण का लॉकडाउन खत्म होने के बाद प्रदेश में परिवहन सुविधा शुरू करने पर चर्चा होगी। प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन को चौथे चरण में बढ़ाने के लिए इच्छा जाहिर की है। ऐसे में समूचे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां संचालित करने की जरूरत है।


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