विशेष प्रवचन में बोले Dalai Lama- शिक्षा में शामिल हो करुणा का मूल्य, सभी लोग बनें अच्छे
Dalai Lama तिब्बती धर्मगुरू ने कहा किआधुनिक शिक्षा भौतिक मूल्यों की ओर उन्मुख है। जहां तक आंतरिक मूल्यों का संबंध है हम पूरी तरह से धार्मिक आस्था पर निर्भर हैं। मौजूदा शिक्षा प्रणाली में आंतरिक शांति के महत्व के बारे में सबक शामिल होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला: धर्मगुरु दलाई लामा की दो दिवसीय विशेष टीचिंग मंगलवार को मुख्य बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज में शुरू हुई।
इस दौरान धर्मगुरु ने कहा कि हमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए। दूसरों के हित पूरा के लिए कोशिश करनी चाहिए। हम जीवन को सफल बनाने के लिए जिनके माध्यम से प्रयास करते हैं उनका सदैव भला सोचना चाहिए।
सभी लोग अच्छे बनेंः दलाई लामा
दलाई लामा ने कहा कि, सभी लोग अच्छे बनें, लोगों का हित करें और करुणा रखें। शून्यता व बौद्धचित का अभ्यास करना चाहिए। इस दौरान तिब्बती छात्र ने दलाई लामा से पूछा कि हम बच्चे खेल में तो रुचि दिखाते हैं लेकिन पढ़ाई और पूजा-पाठ में ध्यान नहीं लगता है। इस पर धर्मगुरु ने कहा कि यह सब अभ्यास से ही संभव होगा। ऐसे में आपको अभ्यास करना चाहिए।
#WATCH हिमाचल प्रदेश: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने तिब्बती युवाओं के लिए दो दिवसीय विशेष प्रवचन शुरू किया।
भारत और आसपास के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के दो हजार से अधिक छात्र धर्मशाला के मुख्य तिब्बती मंदिर, सुगलगखंग में एकत्रित हुए। (30.05) pic.twitter.com/sLpoYew7qi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
आधुनिक शिक्षा भौतिक मूल्यों की ओर उन्मुख
आधुनिक शिक्षा भौतिक मूल्यों की ओर उन्मुख है। जहां तक आंतरिक मूल्यों का संबंध है, हम पूरी तरह से धार्मिक आस्था पर निर्भर हैं। प्राचीन काल में यह ठीक था, नैतिकता धर्म का प्रांत था लेकिन अब सात अरब मनुष्यों में से एक अरब से अधिक ने घोषणा की है कि उनकी कोई आस्था नहीं है।
धर्मगुरु ने कहा-
शिक्षा में करुणा का मूल्य शामिल होना चाहिए। मौजूदा शिक्षा प्रणाली में आंतरिक शांति के महत्व के बारे में सबक शामिल होना चाहिए। जिन चीजों को हम सत्य मान बैठते हैं तो उनमें कोई चीज हमें अच्छी लगती है तो आसक्ति उत्पन्न होती है और जो अच्छी नहीं लगती है तो क्रोध उत्पन्न होता है।
एक तरह से इन सभी चीजों में हम जकड़ जाते हैं। भवचक्र स्वभाव से सिद्ध नहीं है। वस्तुएं स्वभाव से सिद्ध हैं इसे समझना चाहिए।