दलाईलामा ने कहा मुझसे यात्रा में हो गई थी गलती, अब करूंगा अाराम
45 दिन की यात्रा के बाद तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा मंगलवार को वापस धर्मशाला पहुंच गए।
जेएनएन, धर्मशाला: अपनी 45 दिन की यात्रा के बाद तिब्बती धर्मगुरू दलाईलामा मंगलवार को वापस धर्मशाला पहुंच गए। उनके यहां आने पर निर्वासित तिब्बत सरकार के अध्यक्ष डॉ. लोबसांग सांग्ये और निर्वासित तिब्बती संसद अध्यक्ष खेन्पो सोनम समेत अन्य ने गगल स्थित धर्मशाला हवाई अड्डा में स्वागत किया।
दलाईलामा 45 दिन से लद्दाख, गोवा, बंगलौर और दिल्ली की यात्रा पर थे। यहां पहुंचने पर उन्होंने कहा कि इस बार की उनकी यात्रा बहुत लंबी यात्रा रही है। यात्रा में उन्होंने एक गलती की थी कि वह सबसे पहले लद्दाख चले गए थे। क्योंकि यहां का सफर भी बहुत लंबा है और लद्दाख बहुत ऊंचाई वाला क्षेत्र है। इसके अलावा वह कारगिल की यात्रा पर भी गए थे।
दलाईलामा ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें महसूस हुआ है इस उम्र में आकर इतनी अधिक लंबी यात्रा करना ज्यादा हो रहा है। वह 83 वर्ष के हो चुके हैं और उनका शरीर भी उन्हें अपने स्वास्थ्य की प्रति सावधान रहने को
कह रहा है। अन्यथा यह एक बहुत अच्छा कार्यक्रम रहा है, अब वह धर्मशाला में कुछ समय आराम करेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे वह मानवता की भलाई के बारे में सोचते हैं उसी तरह सभी को दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए। लंबी यात्रा को लेकर पूछे प्रश्न पर दलाईलामा ने खुद को जवान होने की चुटकी लेते हुए कहा कि इतनी लंबी यात्रा तभी संभव है, जब मन शांत हो। अगर व्यक्ति का मन शांत है तो वह कुछ भी कर सकता है।