Cyber Fraud: महानगरों में बैठकर हिमाचल में बिछाया संगठित अपराध का जाल, इस तरह बचें ठगों से
Cyber Fraud Himachal देश के बड़े महानगरों के साइबर ठग हिमाचल में संगठित अपराध का जाल बिछा रहे हैं। इस अपराध को जांच एजेंसियां भी राज्य या देश की सीमाओं में नहीं बांध पाई है। किसी का फेसबुक अकाउंट हैक हो रहा है।
शिमला, रमेश सिंगटा। Cyber Fraud Himachal, देश के बड़े महानगरों के साइबर ठग हिमाचल में संगठित अपराध का जाल बिछा रहे हैं। इस अपराध को जांच एजेंसियां भी राज्य या देश की सीमाओं में नहीं बांध पाई है। किसी का फेसबुक अकाउंट हैक हो रहा है। कोई वित्तीय फ्रॉड का शिकार हुआ है। बैंकों के नाम से हेल्पलाइन नंबर फर्जी तैयार कर ग्राहकों को मोटा चूना लगा रहे हैं। प्रदेश में सक्रिय ठग दूसरे राज्यों से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। नतीजतन ऐसे मामलों की शिकायतों में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। इस साल पंद्रह दिनों के अंदर प्रदेश में साइबर थाने के पास कुल 44 शिकायतें आई हैं। साइबर अपराध की चाल पर सीआइडी का साइबर सेल अकुंश लगाने का प्रयास कर रही है। ताजा ट्रेंड में ठग वाट्सएप हैक कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में अपलोड की गई महिलाओं की फोटो के नाम पर ठग ब्लैकमेलिंग करने लगे हैं। इन फोटो का दुरुपयोग हो रहा है। प्रदेश में बिहार, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई बड़े महानगरों के साइबर ठग सक्रिय हैंं। इन्हें पकडऩा सीआइडी के लिए भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
कितनी आई शिकायतें
- वर्ष कितनी शिकायतें
- 2016 519
- 2017 570
- 2018 981
- 2019 1638
- 2020 3843
पैसा हुआ रिफंड
इन घटनाओं में जिन व्यक्तियों का दोष नहीं पाया और अपराध होने के 24 घंटे के अंदर शिकायत की गई, उन्हें ठगी का पैसा वापस मिल गया है। सीआइडी ने इसे शिकायतकर्ता को वापस दिलाया। वर्ष 2016 में 48679 रूपये, 2017 में 324807 रुपये, 2018 में 959186 रूपये, 2019 में 1891298 रूपये और 2020 में 2184693 रूपये रिफंड करवाए।
एएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर का कहना है जो भी शिकायतें आती हैं, उनमें से सालभर में 80 फीसद तक सुलझा ली जाती हैं। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है, तभी साइबर ठगी के मामलों की रोकथाम हो सकती है। इस साल 54 शिकायतें आई हैं।
साइबर पुलिस ने इंटरनेट मीडिया में सुरक्षित रहने के लिए कई सुझाव दिए हैं। ये इस प्रकार से हैं।
- एक मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें। यह जितना लंबा होगा, यह उतना ही सुरक्षित होगा।
- अपने प्रत्येक सोशल मीडिया अकाउंट के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
- मित्रों का चयन सावधानीपूर्वक करें। यदि आप उस व्यक्ति को नहीं जानते हैं, तो उनके अनुरोध को स्वीकार न करें। यह एक फर्जी खाता हो सकता है।
- लिंक पर सावधानी के साथ क्लिक करें।
- जो जानकारी आप शेयर करते हैं, उसके बारे में सावधान रहें। संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को शेयर न करें।
- सुरक्षा के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करके अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपका ब्राउजर, ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर अपडेट रहे। जब आप कंप्यूटर पर कार्य पूरा कर लेते हैं तो लॉग आऊट करना याद रखें।
- अगर कोई ठगी का शिकार हो जाता है तो साइबर थाने को तत्काल सूचना दें।