नाके सड़क तक सीमित, जंगल के रास्ते अन्य राज्यों से हिमाचल पहुंच रहे लोग; ढलियारा में 50 लोग पकड़े
नाके सड़कों पर लगे रहे अौर एंट्री न मिलने पर लोग अन्य राज्यों से अपने गृह जिले में जंगलों के रास्ते प्रवेश कर गए।
धर्मशाला/ढलियारा, जेएनएन। नाके सड़कों पर लगे रहे अौर एंट्री न मिलने पर लोग अन्य राज्यों से अपने गृह जिले में जंगलों के रास्ते प्रवेश कर गए। जो लोग नाके में पहुंचे उनकी सूचना संबंधित पंचायतों को दी गई ताकि वह 14 दिन तक क्वारंटाइन रहे। जबकि जिनकी सूचना लोगों के माध्यम से भी पुलिस तक पहुंची उन्हें भी क्वारंटाइन रहने के लिए पंचायतों के माध्यम से हिदायद दी गई ताकि किसी तरह से संक्रमण न फैले।
ढलियारा नाके पर पहुंच गए करीब 50 लोग
ढलियारा में नाके पर अन्य राज्यों से अा रहे हिमाचलियों को रोका गया। पचास के करीब लोगों को नाके पर रोका तो डीएसपी देहरा रणधीर भी नाके पर पहुंचे। उन्होंने नाके पर पहुंचे लोगों की पूरी जानकारी नोट करवा कर उन्हें माक्सर्स लगाकर उनकी पंचायत को सूचना देकर घर भेजने बारे कहा। साथ ही पंचायत प्रधान को इन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन करने के लिए भी कहा। डीएसपी ने मौके पर मौजूद लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए भी जागरूक किया।
लुधियाणा से पैदल पहुंच गए बोह दरीणी
लुधियाणा सब्जी मंडी से छह लोग बोह दरीणी में पहुंच गए। ये लोग पैदल ही यहां तक पहुंचे हैं। इस बारे में संबंधित पंचायत प्रधान को सूचित किया गया है, ताकि उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके।
पैदल राहगीरों को बांटी खाद्य सामग्री व बिस्कुट
भदरोआ : हिमाचल प्रदेश के गांव गगवाल से गुजर रहे पैदल राहगीरों को दुकानदार बलदेव पठानिया व सर्व धर्म मंच के प्रधान अर्जुन भनोट ने खाद्य सामग्री व बिस्कुट बांटे। उन्होंने कहा इस आपदा की घड़ी में सरकार की तरफ से लगाया गया कफर्यू सराहनीय है। लेकिन कफर्यू में सरकार की अव्यवस्था के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लेकर सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिएं।
550 किलोमीटर पैदल सफर तय कर जा रहे घर
जीवन कुमार निवासी गांव हरसर देहरी (हिमाचल प्रदेश) ने बताया कि वह दिल्ली में जेसीबी आॅपरेटर का काम करते हैं। कफर्यू के चलते उनका काम बंद हो जाने के बाद उन्हें भारी परेशानियां उठानी पड़ी। अब मजबूरी में वह दिल्ली से 550 किलोमीटर पैदल सफर तय कर अपने घर जा रहे हैं।
कफर्यू से पहले करनी चाहिए थी व्यवस्था
दिल्ली की प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले पैदल घर जा रहे रवनीश कुमार निवासी गांव जवाली (हिमाचल प्रदेश) ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार का तरफ से लगाया गया कफर्यू सराहनीय है। लेकिन कफर्यू लगाने से पहले सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि लोगों को परेशान न होना पड़ता।
घर लौट रहे लोगों की हिमाचल में नहीं हो रही एंट्री
मनोज कुमार, शुभम व प्रवीन कुमार निवासी कांगड़ा ने बताया कि वह लुधियाना में निजी कंपनी में काम करते हैं, कर्फ्यू के बांद कंपनी का काम बंद होने के चलते उन्हें मजबूरी में घर लौटना पड़ा। दो दिन में 170 किलोमीटर पैदल सफर तय करने के बाद वह पठानकोट पहुंचे, रास्ते में उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई, पंजाब के लोगों ने उन्हें जगह जगह खाना भी खिलाया। लेकिन, जब वह हिमाचल प्रदेश के गांव भदरोआ पहुंचे तो हिमाचल प्रदेश पुलिस की तरफ से लगाए गए नाके पर उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया। जिसके चलते मजबूरी में उन्हें जंगल के रास्ते अपने घर कांगड़ा के लिए आगे बढ़ना पड़ा।