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अविश्वास प्रस्ताव पर वार-पलटवार

सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वीरवार को हिमाचल विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष व सत्ता पक्ष ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किए। प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पेश किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए औने-पौने दामों पर नौकरियां बिक रही हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 11:59 PM (IST)
अविश्वास प्रस्ताव पर वार-पलटवार
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वार-पलटवार। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वीरवार को हिमाचल विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष व सत्ता पक्ष ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किए। प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पेश किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए औने-पौने दामों पर नौकरियां बिक रही हैं। चोर दरवाजे से भर्तियां हो रही हैं। हिमाचल में हाहाकार मचा है। लाखों लोग सड़क पर हैं। इसलिए मुख्यमंत्री कुर्सी छोड़ें और मंत्रिमंडल त्यागपत्र दे। मुकेश अग्निहोत्री ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले से लेकर कर्ज के मामले उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सरकार चलाने में विफल रहे हैं। इसलिए वह कुर्सी छोड़ें। सरकार की मशीनरी ब्रेकडाउन हो चुकी है। सभी वर्गों का मोह भंग हो चुका है। महंगाई पर मंत्रिमंडल खामोश है। कर्ज के सारे रिकार्ड टूट गए हैं। फिजूलखर्ची चरमसीमा पर है। सरकारी खर्चे पर पार्टी चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल के हितों को बेचा जा रहा है। निजी विश्वविद्यालयों की जमीनों पर कालोनियां बनाकर इसे बेचा जा रहा है। सरकार कालोनियां बनाने की इजाजत दे रही है। महिलाओं से संगीन अपराध बढ़े हैं। पुलिस की भर्ती में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ लेकिन सरकार ने सीबीआइ से जांच नहीं करवाई। अभी तक सीबीआइ नहीं आई है।

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250 से 300 करोड़ रुपये कहां चले गए, इस बिंदु पर जांच नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक पेपर छह से आठ लाख रुपये में बिका। पुलिस भर्ती पेपर की नीलामी हुई लेकिन इसे नीलाम करने वाले नहीं पकड़े गए। राज्य सरकार जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। न ही आरोपितों से रिकवरी कर रही है। वर्ष 2020 में भी पुलिस भर्ती में गड़बड़झाला हुआ था। हिमाचल में क्लर्क का पेपर लीक हुआ व एचपीयू में भी पर्चा लीक हुआ। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में भर्ती के मामले में एफआइआर दर्ज हुई थी। तब भी लिखित परीक्षा रद की गई थी लेकिन आप की तत्कालीन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में देशभर की बेशकीमती गाडिय़ों का पंजीकरण हुआ है। इसमें दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है। यह 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का घोटाला हुआ है। हिमाचल प्रदेश टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बजाय ड्रग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। गैर हिमाचली अधिकारी हिमाचल में सेब बगीचे खरीद रहे हैं। क्या अधिकारी इसलिए बनाए गए हैं कि वे हिमाचल के सेब बगीचे खरीदें।

मुख्य सचिव को क्यों हटाया

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्य सचिव को क्यों हटाया गया। क्या दिल्ली से हुक्मनामा आया था? पहले भी रात के अंधेरे में मुख्य सचिव को हटाया गया था। पर्यटन निगम की संपत्ति बेचने के आरोपों पर आपने जांच बैठाई थी लेकिन उस रिपोर्ट को विधानसभा में नहीं रखा और अब चहेतों को संपत्ति लुटाई जा रही है। 200 करोड़ रुपये की संपत्ति रात के अंधेरे में औने-पौने दामों में नीलाम की गई है। मंत्रिमंडल में 5,000 पद भरने का निर्णय होता है और अगले दिन मेरिट को दरकिनार कर कार्यकर्ताओं की भर्ती होनी शुरू हो जाती है।

सदन को मछली मार्केट न बनाएं

मुकेश अग्निहोत्री जब बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष के कई सदस्य खड़े हो गए और उन पर पलटवार करने लगे। विपक्ष के सदस्य भी खड़े हो गए। मुकेश अग्निहोत्री ने अध्यक्ष से कहा, सत्ता पक्ष को कहो सदन को मछली मार्केट न बनाएं।

2016 में भी लीक हुआ था पुलिस भर्ती का पेपर, कांग्रेस सरकार ने जांच नहीं करवाई : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष को ही आईना दिखाया। उन्होंने पूूर्व कांग्रेस सरकार की घेराबंदी की। आरोप लगाया कि वर्ष 2016 में भी पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ था। तब कांग्रेस सरकार ने इसकी जांच नहीं करवाई। तब तत्कालीन सरकार ने एफआइआर दर्ज क्यों नहीं करवाई व पेपर रद क्यों नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में गड़बड़ी की मुझे रात नौ बजे सूचना मिली। मैंने तत्काल एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए। सुबह नौ बजे एसआइटी गठित की। अगले ही दिन एलान किया कि पुलिस भर्ती का पेपर रद किया जाए। उसके बाद सीबीआइ जांच के आदेश दिए गए। सीबीआइ ने जांच से न इनकार किया, न हां की है। अब तक 204 आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला गया है। विपक्ष तथ्यों पर बातचीत करे। कोई 70 हजार करोड़ तो कोई 80-90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज कह रहा है। जब कांग्रेस सरकार की विदाई हुई तब प्रदेश पर 48 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 64904 करोड़ रुपये का कर्ज है। अब कर्ज की वृद्धि दर 35 प्रतिशत है जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 67 प्रतिशत होती थी। क्या कांग्रेस के कार्यकाल में कोविड-19 था? जहां तक हेलीकाप्टर का सवाल है तो सबसे पहले वर्ष 1993 में इसका इस्तेमाल हुआ था। हेलीकाप्टर मैंने नहीं लाया था। सरकारों ने लगातार इसका इस्तेमाल किया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हेलीकाप्टर बड़ा था। तकनीकी समस्या के कारण इस पर आठ करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई थी। भाजपा सरकार ने सबसे सस्ता हेलीकाप्टर लिया है। लोगों की समस्याएं सुनने और विकास कार्यों की गति बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है।

यह नुक्कड़ सभा नहीं, विधानसभा है

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा होता देख विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार को विपक्ष पर टिप्पणी करनी पड़ी कि यह नुक्कड़ सभा नहीं, विधानसभा है।

मुख्यमंत्री की ढाल बने मंत्री

मंत्री भी मुख्यमंत्री की ढाल बने। उन्होंने सरकार का बचाव कर न केवल विपक्ष को घेरा बल्कि कांग्रेस की अंतर्कलह पर भी कटाक्ष किए।

22 का लास्ट राउंड, अगली बार 10 से भी नीचे आएंगे : राकेश पठानिया

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश में संगीन अपराध असामाजिक तत्वों की ओर से होते हैं। वे मुख्यमंत्री की या आप की पर्ची लेकर दुष्कर्म करने नहीं जाते। विपक्ष तो कोटखाई दुष्कर्म एवं हत्याकांड को भी छोटा मामला करार देता है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने शराब खरीद के लिए अलग से निगम बनाया। इसके 700 करोड़ रुपये किसकी जेब में गए, यह बताएं। आज भी सदन के कई लोग जमानत पर हैं। बीच में विधायक आशा कुमारी ने उन्हें रोकना चाहा तो उन्होंने कहा कि क्या केस के किस्से निकाले जाएं। इस बीच विक्रमादित्य सिंह भी खड़े हुए तो उन पर भी पठानिया ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में पुलिस भर्ती का पेपर लीक हुआ था और तब इसकी जांच क्यों नहीं करवाई। वाइल्ड फ्लावर हाल को किसने बेचा। हमने संपत्ति लीज पर दी है, बेची नहीं। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपके आधे लोग दोबारा जीत कर नहीं आएंगे। 22 का लास्ट राउंड है, अगली बार 10 से भी नीचे आएंगे। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह तो भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं और उन्होंने इसमें पीएचडी की है। जिनके घर शीशे के हों, वे दूसरों पर पत्थर न फेंकें।

कांग्रेस विधायकों में नेतागिरी की होड़ : बिक्रम ठाकुर

उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस की अंतर्कलह पर वार किया। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना असली उद्देश्य नहीं है बल्कि यह दिखाना है कि सदन में मैं नेता हूं। कांग्रेस विधायकों में नेतागिरी की होड़ लगी है। सुखङ्क्षवदर ङ्क्षसह सुक्खू को मुकेश अग्निहोत्री और मुकेश अग्निहोत्री सुखङ्क्षवदर ङ्क्षसह सुक्खू को डाउन करने में लगे हैं। सदन के कई सदस्य जमानत पर हैं। कईयों पर केस हैं। हमारे नेता जयराम ठाकुर हैं। आप के नेता कौन हैं, यह विपक्ष नहीं बता पाएगा। उन्होंने विक्रमादित्य ङ्क्षसह पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि महिला ठेकेदार की गोद में बैठने वाला बयान उन्होंने ही दिया था। बीच में जब सुक्खू खड़े हुए तो उन्होंने तीन बार उन्हें टोका और कहा कि आप चुप बैठिए अगर आपको मुख्यमंत्री बनना है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री को अपना कुनबा संभालना चाहिए। मंदिर की चौखट पर कसम खाने से पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों का गला घोंटा है। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने 10 करोड़ रुपये में मजदूरों के लिए भवन बनाया लेकिन उसके हास्टल में एक भी मजदूर नहीं रह रहा है। बस अड्डा ऐसी जगह बनाया जहां बस खड़ी नहीं हो रही है। किसान भवन वहां बनाया जहां किसान इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

नहीं आया रामराज्य : जगत सिंह

किन्नौर के विधायक जगत ङ्क्षसह नेगी ने कहा कि जिस राम राज्य की स्थापना का संकल्प भाजपा ने लिया था, वह हिमाचल में नहीं आया। मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर में उड़ते रहे। पौने पांच साल में रामराज्य नहीं, माफिया राज आया और महंगाई व बेरोजगारी बढ़ी। जयराम ठाकुर को हेलीकाप्टर और होर्डिंग वाले मुख्यमंत्री के तौर पर याद किया जाएगा। सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।

दम है तो पार कर, नहीं तो इंतजार कर : बिंदल

ऐसी भी क्या जल्दी, अब तो वैसे ही सरकार के दो से ढाई माह रह गए। जनता के बीच जाकर सरकार को हटाते। यहां न तो संख्या बल है और न ही मुद्दे। राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, सरकार की कमियां दिखाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाते तो बेहतर होता। यह बात भाजपा विधायक डा. राजीव बिंदल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ट्रक के पीछे एक लाइन लिखी होती है कि दम है तो पार कर, नहीं तो इंतजार कर। चुनाव आ रहे हैं, जीत कर सत्ता को हासिल कर दिखाओ। ट्रक के पीछे चल हार्न बजाने से कुछ नहीं होगा। राम राज्य है जहां सब कुछ मिल रहा है। अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस को पता लग गया है कि उन्होंने गलती की है। कांग्रेस अति उत्साही है और अति उत्साह हादसे का कारण बनता है। 18 से 45 वर्ष की महिलाओं को पेंशन देने के लिए मासिक 5500 करोड़ रुपये कहां से लाओगे। रक्षाबंधन पर बहनों का मजाक मत बनाओ।

रखना चाहते हैं जनता की पीड़ा : हर्षवर्धन

कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि संख्या बल अवश्य कम है लेकिन सरकार तो नहीं गिरा सकते, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से जनता की पीड़ा को रखना चाहते हैं। कांग्रेस की सरकार बनेगी तभी मंत्री बिक्रम ठाकुर कह रहे हैं कि आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हो तो बैठ जाओ। मंत्री बोलेंगे तब बस चलेगी, जनता के कहने पर नहीं चलेगी। धड़ाधड़ स्कूल और अन्य संस्थान खोले जा रहे हैं लेकिन बजट का प्रविधान नहीं है। कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में जिसके संरक्षण में पेपर हुए, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सत्ता के बिना नहीं रह सकती कांग्रेस : सुखराम

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है जो सत्ता के बगैर नहीं रह सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सत्ता पाने के लिए कुछ भी कहते हैं। बेरोजगारों को भ्रमित करने के लिए यात्राएं निकाली जा रही हैं। स्कूटर में 15 टन सेब किसने ढोए? जब स्कूटर व टैंकरों में सेब ढोए जा सकते हैं तो ट्रकों की क्या जरूरत है। कांग्रेस नेता गुमराह कर झूठ बोलते हैं। बेरोजगारी भत्ता देने के लिए कहा मगर उसका क्या हुआ? जब शांता कुमार मुख्यमंत्री थे तो नो वर्क-नो पे लागू किया और कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए कहा कि इसे समाप्त कर देंगे मगर यह आज भी लागू है। 58,000 लोगों को बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र बिजली के मीटर दिए गए। जब तक अस्थायी मीटर थे, तब बिजली सात रुपये प्रति यूनिट मिल रही थी। बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र के मीटर लगने पर बिजली डेढ़ रुपये प्रति यूनिट मिल रही है।


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