सांस लेने में तकलीफ और आक्सीजन की मात्रा 93 फीसद से कम होने पर जाएं अस्पताल, जानिए विशेषज्ञों की सलाह
Coronavirus Treatment Guidelinesकोरोना के बढ़ते मामलों और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के तहत प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इनके तहत कोरोना के कम लक्षण वाले बच्चे माता-पिता या स्वजन की देखरेख में केवल होम आइसोलेशन में रहेंगे।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Treatment Guidelines, कोरोना के बढ़ते मामलों और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के तहत प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इनके तहत कोरोना के कम लक्षण वाले बच्चे, माता-पिता या स्वजन की देखरेख में केवल होम आइसोलेशन में रहेंगे। पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को मास्क पहनाने की जरूरत नहीं है और न ही एंटिवायरल या मोनोक्लोनल एंटिबाडी देने की जरूरत है। जबकि छह से 11 वर्ष तक की आयु के बच्चों को मास्क भी स्वजन की देखरेख में लगाने, जबकि 12 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों को सामान्य लोगों के समान ही मास्क का इस्तेमाल करने का निर्देश है।
बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए उन्हें बिना लक्षण वाले, हल्के, मध्यम और गंभीर मामलों में वर्गीकृत किया गया है। बिना लक्षण वाले बच्चे, माता-पिता या स्वजनों की देखरेख में केवल होम आइसोलेशन में रहेंगे। ऐसे मामलों में किसी परीक्षण या दवा की आवश्यकता नहीं होती है और यदि लक्षण विकसित होते हैं तो चिकित्सकीय सलाह के बाद ही दवाएं दें।
कोविड के हल्के मामलों में गले में खराश, नाक बहना, बिना सांस लेने में कठिनाई के खांसी, कमरे की हवा में आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत है, बुखार के लिए पैरासिटामोल और सेलाइन गार्गल्स के साथ रोगसूचक उपचार की आवश्यकता है।
इन्हें है कोविड स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में रखने की जरूरत
सांस लेने में दिक्कत कमरे की हवा में आक्सीजन की मात्रा 93 प्रतिशत होती है ऐसे लक्षणों वाले बच्चों को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्रों या कोविड अस्पतालों में प्रवेश की आवश्यकता होती है। निमोनिया, सदमा, सांस की तकलीफ और कमरे की हवा में आक्सीजन दर 90 प्रतिशत से कम व गंभीर लक्षणों वाले बच्चों को आगे के प्रबंधन के लिए कोविड अस्पताल के आइसीयू में प्रवेश की आवश्यकता होती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश हेमराज बैरवा का कहना है कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, बच्चों और किशोरों को बार-बार हाथ धोना, दो गज की दूरी बनाए रखना, मास्क पहनना और खुले स्थानों में रहना और अच्छी तरह हवादार जैसे उचित व्यवहार का पालन करना सिखाना आवश्यक है। माता-पिता 15-18 वर्ष के किशोरों में कोविड टीकाकरण सुनिश्चित करें।