Coronavirus: पांच हजार रुपये दान करने वाली मनरेगा मजदूर विद्या काे राज्यपाल और शांता कुमार ने किया सलाम
पालमपुर की भरमात निवासी विद्या देवी के परोपकार की बात जब राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत पालमपुर के एसडीएम धर्मेश रमोत्र को फोन किया।
धर्मशाला, मनोज कुमार शर्मा। पालमपुर की भरमात निवासी विद्या देवी के परोपकार की बात जब राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत पालमपुर के एसडीएम धर्मेश रमोत्र को फोन किया। राज्यपाल ने मनरेगा की कमाई से पांच हजार रुपये कोरोना के खिलाफ जंग में विद्या के दिए योगदान की सराहना की। राज्यपाल ने एसडीएम को विद्या देवी के घर जाकर सैनिटाइजर, मास्क व फल इत्यादि देने के लिए कहा। इसके बाद एसडीएम धर्मेश रमोत्र भी अपनी टीम के साथ विद्या देवी के घर राज्यपाल का धन्यवाद संदेश देने पहुंच गए। मनरेगा में दिहाड़ी लगाने वाली 58 वर्षीय विद्या ने रविवार को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए पांच हजार रुपये एसडीएम को सौंपे थे।
बकौल विद्या देवी, शाम करीब साढ़े पांच बजे घर में परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत कर रही थीं तो एसडीएम साहब को घर की ओर आते देखा। आते ही एसडीएम साहब ने राज्यपाल की ओर से धन्यवाद संदेश दिया और कुछ मास्क, सैनिटाइजर व फल इत्यादि भेंट किए। इससे पहले करीब पांच बजे शिमला से एक फोन आया कि राज्यपाल महोदय, विद्या देवी से बात करना चाहते हैं। फोन मैंने ही उठाया था लिहाजा राज्यपाल ने तुरंत मुझसे बात शुरू कर दी।
राज्यपाल ने कहा कि ‘विद्या जी आपका योगदान बहुत बड़ा है। आप इसे कम न मानें। आपको बधाई कि आपको इस तरह सेवा करने के संस्कार मिले हैं। देश में इस तरह की महामारी के लिए योगदान कई लोग दे रहे हैं, लेकिन मनरेगा की कमाई से योगदान देना सबके लिए प्रेरणादायक है।’ विद्या ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे जैसे गरीब के घर कोई अफसर इस तरह धन्यवाद करने आएंगे और राज्यपाल महोदय से बात करने का ख्याल तो कभी मन में आया ही नहीं था। मुङो इस तरह का सम्मान दिया गया, इसके लिए शब्दों से बयां नहीं कर सकती हूं।
शांता कुमार ने की तारीफ
‘अगर विद्या देवी तीन किलोमीटर पैदल चलकर राहत कोष में मदद कर सकती हैं तो किसी भी भाई को पीछे नहीं रहना चाहिए। सरकारों को इस समय पैसों की बहुत आवश्यकता है। जितना हो सके राहत कोष में दान करना चाहिए। भारत इस लड़ाई में जल्द जीतेगा।’ ये उद्गार भाजपा नेता शांता कुमार ने दैनिक जागरण से बातचीत में व्यक्त किए।
हमारे लिए तो यही जग-प्रसाद
विद्या देवी ने कहा कि राज्यपाल जी ने सवाल किया कि आपके मन में इस तरह का ख्याल कैसे आया तो मैंने कहा कि सर हम गरीब आदमी कोई जग या भंडारा तो नहीं लगा सकते हैं, इसलिए यह छोटी सी राशि मानवता के काम आ जाए, तो हमारे लिए यही किसी जग-प्रसाद से कम नहीं है। मैंने पिछले दिनों हिमाचल के डीजीपी एसआर मरडी का बयान सुना था कि कोई सौ रुपये भी दान दे सकता है, इसलिए मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर पांच हजार रुपये जुटाए थे, जो रविवार को एसडीएम पालमपुर को भेंट किए।