Coronavirus:हिमाचल तकनीकी विश्वविद्यालय ने शुरू की ऑनलाइन लेक्चर्स सुविधा, ई लाइब्रेरी का लिंक किया जारी
Coronavirus हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हो रही विद्यार्थियों की पढ़ाई के बीच बड़ा फैसला लिया है।
हमीरपुर, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हो रही विद्यार्थियों की पढ़ाई के बीच बड़ा फैसला लिया है। कुलपति प्रोफेसर एसपी बंसल ने कहा कोरोना वायरस के कारण पूर्ण बंदी फलस्वरूप छात्रों के लिए ऑनलाइन लेक्चर्स की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा हाल ही में विश्व बैंक के सौजन्य से ई पुस्तकालय की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से प्रतिदिन छात्र अपने लेक्चर्स पूरे करें। ऐसी व्यवस्था की गई है, ताकि छात्रों की पढ़ाई अब और प्रभावित न हो। इसके लिए ई लाईब्रेरी के माध्यम से सभी जरूरी लिंक छात्रों को उपलब्ध करवा दिए गए हैं।
उन्होंने बताया यह सारा कार्य अध्यापकों की देख रेख में हो रहा है। अधिष्ठाता अकादमिक डाॅक्टर कुलभूषण चंदेल ने बताया कि पिछले कल 27 मार्च तक ई पुस्तकालय के माध्यम से 10639 बार लर्निंग प्रोसेस हो चुकी थी और इसका सारा ब्योरा ई लाईबेरी के पोर्टल पर प्रतिदिन उपलब्ध है। प्रो बन्सल ने कहा तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने सभी अध्यापकों की सेवाओं को आॅनलाइन सेवाओं के तहत जारी रखने का निर्णय लिया है।
सभी अध्यापक पुस्तकालय और अन्य आॅनलाइन सेवाओं के माध्यम से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। वे अपनी अपनी कक्षाओं के छात्रों को वाटसएप ग्रुप बनाकर उनसे संवाद करेंगे तथा आॅनलाइन लर्निंग में मार्गदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त सभी अध्यापक एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारी किसी आपा कालीन परिस्थिति में अपनी सेवाएं देने के लिए सरकार के साथ हमेशा तैयार हैं।
उधर समन्वयक एवं जनसंर्क अधिकारी डाॅक्टर कुलभूषण चंदेल ने बताया तकनीकी विश्वविद्यालय अभियान्त्रिकी के छात्रों को मुफ्त आॅनलाइन गेट कोचिंग करवाएगा। इसके पहले चरण में सभी महाविद्यालयों के लगभग एक सौ छात्रों को मुफ्त आॅनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसे आगे चार सौ छात्रों तक उपलब्ध करवाने की योजना है। उन्होंने कहा हमारा राष्ट्र संकट के दौर से गुजर रहा है। हमारी सरकार पूरे सामर्थ्य के साथ गरीब लोगों के लिए काम कर ही रही है। इस लॉकडाउन एवं संकट की घड़ी में हमने सरकार की सहायता करने के लिए एक लाख 51 हजार रुपये देने का निर्णय लिया है।