Curfew: कांगड़ा में सुबह आठ से 11 बजे तक खुली रहेंगी जरूरी सामान की दुकानें, बैंक बंद
कफ्यू का असर दवा दूध सब्जियों की दुकानों पर नहीं रहेगा। लोग जरूरत का सामान आम दिनों की तरह खरीद पाएंगे।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। जिला कांगड़ा में मंगलवार सायं पांच बजे से कफ्यरू लगा दिया गया है। अब लोग अकारण घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे। नियमों का उल्लघंन करने वालों पर पुलिस बल का प्रयोग भी किया जा सकता है। कफ्यू का असर दवा, दूध, सब्जियों की दुकानों पर भी दिखेगा।जरूरी सामान की दुकानें कांगड़ा में सुबह आठ से 11 बजे तक खुली रहेंगी।
उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए भीड़ कम करना बेहद जरूरी है। इस कारण ही कफ्यरू के दौरान बैंक बंद रहेंगे, लेकिन लेन-देन के लिए एटीएम खुले रहेंगे।
उन्होंने कहा कि दुकानों में अनावश्यक भीड़ न लगे, इसके लिए दुकानदारों को एहतियात बरतनी होगी। दुकानदारों को ग्राहकों के खड़े होने के लिए दुकान के आगे एक-एक मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग करनी होगी। इसे जांचने के लिए टीम दुकानों का निरीक्षण भी करेगी।
पेट्रोल पंप पर अब केवल आपातकालीन, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों को ही पेट्रोल व डीजल मिलेगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद प्रशासन ने होटल, रेस्तरां व ढाबे बंद करवा दिए हैं। मंगलवार को प्रशासनिक टीम ने धर्मकोट व मैक्लोडगंज में दबिश दी। टीम ने दोनों इलाकों में होम स्टे व होटलों का निरीक्षण किया व वहां ठहरे विदेशी व अन्य राज्यों से ठहरे लोगों की जानकारी जुटाई।
इस दौरान टीम ने पाया कि 10 होम स्टे का बिना पंजीकरण ही संचालन किया जा रहा था। इन होम स्टे को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया और इनमें ठहरे विदेशियों व अन्य राज्यों के लोगों की जांच करवाने व क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए गए। होम स्टे संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इस बात पर नजर रखें कि क्वारंटाइन किए लोग तय समय के बाद ही घरों को लौटें।
सरकार व प्रशासन के निर्देशों का करें पालन: रमेश धवाला
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। लोगों को इन फैसलों का समर्थन कर सरकार का सहयोग करना चाहिए। प्रदेश में कफ्यरू लागू है, इसलिए कोई भी घरों से बाहर न निकले। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को सरकार राशन मुहैया करवाएगी।