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बाहर जाने पर ही लगाएं दो साल से ज्‍यादा उम्र के बच्‍चे को मास्‍क, जानिए डॉक्‍टर की सलाह

Coronavirus अगर आपका बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है। बड़ों की तरह बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को घर पर रखना ही बेहतर है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 10:32 AM (IST)
बाहर जाने पर ही लगाएं दो साल से ज्‍यादा उम्र के बच्‍चे को मास्‍क, जानिए डॉक्‍टर की सलाह
अगर आपका बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है।

शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। अगर आपका बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है। बड़ों की तरह बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को घर पर रखना ही बेहतर है, यह कहना है रिपन अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर का। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण के चलते अभिभावक अपने बच्चों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित हैं। बच्चों को वायरस से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बच्चे घरों में बंद हैं। सरकार को भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष चिंता है। उन्होंने बताया अगर दो वर्ष के आयु के ऊपर के बच्चों को बाहर ले जाया जा रहा है तो उन्हें मास्क पहनाया जा सकता है।

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लेकिन दो साल से कम के शिशुओं को मास्क पहनाने से जोखिम हो सकता है। छोटे बच्चों की श्वास नलिका संकरी होती है, इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सबसे बेहतर उन्हें घर पर ही रखना है। व्यस्क सदस्य घर पर रहने के दौरान भी हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धोएं और हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

बच्चों में कम होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है। बच्चे और बुजुर्ग कोरोना के कारण अधिक गंभीर स्थिति में जा सकते हैं, जो पहले से ही किसी बीमारी की चपेट में हैं। इस स्थिति में इन्हें अतिरिक्त देखभाल और सावधानी की आवश्यकता होती है। बच्चों को जंक फूड से बिल्कुल दूर रखें। उन्हें घर पर बना ताजा भोजन ही खिलाएं। फलों में सीट्रस फल के अलावा सीजनल फल खिलाएं। व्यायाम और सैर करने के लिए प्रोत्साहित करें। ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद मोबाइल पर गेम खेलने की जगह उन्हें रचनात्मक कार्यों में लगाएं। खांसी जुकाम के लक्षण नजर आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं।


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