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Coronavirus: शतकवीर सेनानी बोले, आदमी के आगे सब हार जाते हैं, एक दिन कोरोना भी हारेगा

Centurion Freedom Fighter शतकवीर सेनानी बोले आदमी के आगे सब हार जाते हैं। एक दिन कोरोना भी हारेगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 11:56 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 11:56 AM (IST)
Coronavirus: शतकवीर सेनानी बोले, आदमी के आगे सब हार जाते हैं, एक दिन कोरोना भी हारेगा
Coronavirus: शतकवीर सेनानी बोले, आदमी के आगे सब हार जाते हैं, एक दिन कोरोना भी हारेगा

तिनबड़ (पालमपुर), रविंद्र कोली। ‘मैं जंग में था तो कई-कई दिन खाना नहीं मिलता था। 16 साल की उम्र में आजाद हंिद फौज में भर्ती हो गया था.. जापान में बंदी भी रहा.. कभी इतना डर नहीं लगा..। लेकिन डर के आगे जीत है। मैंने 99 साल काट दिए.. कोरोना भी कट जाएगा।’ यह कहना है हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के पालमपुर उपमंडल की चंगर धार की मङोड़ा पंचायत के स्वतंत्रता सेनानी सुखिया राम का। 23 अप्रैल 1921 को जन्मे सुखिया राम ने वीरवार को 100वें वर्ष में प्रवेश किया है। दैनिक जागरण पूरे सुरक्षा उपाय ध्यान में रखते हुए वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी को बधाई देने उनके घर पहुंचा था।

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कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण इनकी आयु को देखते हुए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इन्हें जन्मदिन मुबारिक देने घर नहीं पंहुच सका। दैनिक जागरण जब इनके घर पहुंचा तो सुखिया राम हुक्का पी रहे थे। घर में एकमात्र सदस्य पौत्रवधु सिमरन ही मौजूद थीं। स्मरण शक्ति कमजोर होने के कारण सुखिया राम को यह जानकारी नहीं थी कि उनका जन्मदिन है। उन्हें कुछ बातें याद हैं तो कुछ भूल जाते हैं।

सुखिया राम अपने बारे में बताते हैं, ‘हालांकि नई पौध के लिए यह अच्छी बात नहीं है लेकिन मेरे हुक्के की चिलम दिन में छह बार भरी जाती है। दिन में तीन बार चाय पीता हूं। रोजाना दो बार दूध भी पीता हूं।’ उनके दो नियम और हैं। एक यह कि खाना घर का बना हुआ ही खाना और दूसरा यह कि खाने का समय निर्धारित है। आजाद हिंद फौज में कब भर्ती हुए? उन्हें वर्ष याद नहीं बस इतना कहते हैं कि 16 की उम्र में। दो बार फौज की नौकरी की है। जापान में बंदी भी बनाए गए थे और पूरे छह वर्ष के बाद घर पहुंचे थे। घर वालों ने समझा कि वह मर गया है लेकिन मैं जिंदा था और लौट आया।

जिंदगी से कोई शिकायत? जवाब में कहते हैं कि कतई नहीं। चार बेटे और दो बेटियां हैं। एक बेटा और एक बेटी स्वर्ग सिधार चुके हैं। शेष सभी सरकारी नौकरी में हैं और बड़े अफसर होने के कारण घर से बाहर रहते हैं। कोरोना के बारे में उन्होंने कहा कि आदमी के आगे सब हार जाते हैं। एक दिन कोरोना भी हारेगा। कहते हैं, ‘सभी लोग मुंह पर मॉस्क लगाकर घूम रहे हैं, मुङो भी देकर गए हैं। लेकिन मुङो अच्छा नहीं लग रहा है। इसमें घुटन हो रही है इसलिए लगाया नहीं गया। मुङो तो घर ही रहना है, जवान लोग मास्क लगाएं।’


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