हिमाचल के इस मार्ग पर काम करने से कतरा रहीं निर्माण कंपनियां, सात बार टेंडर लगाए पर नहीं आया कोई
Aut Luhri highway एक साल में सात बार टेंडर लगाने के बाद भी टारिंग के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा है।
मंडी, जेएनएन। एक साल में सात बार टेंडर लगाने के बाद भी टारिंग के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा है। इससे लोक निर्माण विभाग के नेशनल हाईवे विंग के अधिकारी खासा परेशान हैं। औट-लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिभी से बंजार तक टारिंग के लिए करीब एक साल पहले ढाई करोड़ स्वीकृत हुए थे। विभाग टारिंग करवाने के लिए सात बार निविदा आमंत्रित कर चुका है। कोई भी ठेकेदार इसके लिए तैयार नहीं है।
अब विभाग ने आठवीं बार निविदा आमंत्रित की है। जिभी से बंजार तक 11 किलोमीटर मार्ग पर टारिंग होनी है। इसके लिए ढाई करोड़ की करीब चार साल पहले टारिंग हुई थी, जो अब पूरी तरह से उखड़ चुकी है। गड्ढों के कारण वाहन चालकों को दिक्कतें पेश आ रही है। केंद्र सरकार ने बंजार से औट तक 20 किलोमीटर राजमार्ग की टारिंग के लिए इस साल भी आठ करोड़ स्वीकृत हो चुका है। विभाग 31 किलोमीटर टाङ्क्षरग के काम को इस सीजन में हर हालत में पूरा करना चाहता है।
एनएचएआइ ने लौटाए राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्से
नागचला से मनाली तक जहां फोरलेन का कार्य पूरा हो गया है, या फोरलेन पुराने मार्ग के बजाय दूसरी जगह से होकर जा रहा है। ऐसे हिस्से को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने लोक निर्माण विभाग के नेशनल हाईवे विंग को लौटा दिया है। इसमें कटराईं, मनाली, डोभी व रामशिला के आसपास का क्षेत्र शामिल है। एनएचएआइ ने यहां टारिंग करने के लिए नेशनल हाईवे विंग को छह करोड़ की राशि स्वीकृत है।
जिभी से बंजार तक टारिंग के लिए करीब एक साल पहले पैसा स्वीकृत हुआ था। सात बार टेंडर लगाया था। मगर कोई ठेकेदार काम करने नहीं आया। अब आठवीं बार टेंडर लगाया गया है। -महेश राणा, अधिशाषी अभियंता नेशनल हाईवे विंग पंडोह मंडल।