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नालागढ़ में संकट के दौर से गुजर रही कांग्रेस

नालागढ़ कांग्रेस के बीच में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। विधानसभा चुनावों के लिए टिकट के दावेदार इतने अधिक हावी हो गए हैं कि विधायक विक्रमादित्य सिंह को अपनी रोजगार यात्रा ही रद करनी पड़ी। वर्तमान में नालागढ़ से कांग्रेस के विधायक लखविंद्र राणा हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 11:04 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 11:04 PM (IST)
नालागढ़ में संकट के दौर से गुजर रही कांग्रेस
नालागढ़ में संकट के दौर से गुजर रही कांग्रेस। जागरण आर्काइव

भूपेंद्र ठाकुर, सोलन । नालागढ़ कांग्रेस के बीच में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। विधानसभा चुनावों के लिए टिकट के दावेदार इतने अधिक हावी हो गए हैं कि विधायक विक्रमादित्य सिंह को अपनी रोजगार यात्रा ही रद करनी पड़ी। वर्तमान में नालागढ़ से कांग्रेस के विधायक लखविंद्र राणा हैं। वर्ष 2017 में लखविंद्र राणा 25872 वोट लेकर जीते थे, जबकि कांग्रेस के बागी नेता हरदीप बावा ने भी यहां से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और उन्हें 13005 मत मिले थे।

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प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद हरदीप बावा की फिर से एंट्री हो गई। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही हरदीप बावा ने टिकट के लिए दावेदारी शुरू कर दी है। इसके बाद नालागढ़ कांग्रेस में विवाद लगातार बढ़ता रहा। बीते दिनों ब्लाक कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रदेश आला कमान को यहां तक कह दिया था कि हरदीप बावा को पार्टी से बाहर किया जाए। इसी विवाद के बीच मंगलवार को नालागढ़ में कांग्रेस की रोजगार यात्रा भी निकाली जानी थी, लेकिन विधायक इस यात्रा को करवाने के लिए सहमत नहीं थे और तर्क दिया गया कि रोजगार यात्रा में विवाद हो सकता है। इसके बाद विक्रमादित्य ङ्क्षसह नालागढ़ नहीं पहुंचे।

नालागढ़ में कांग्रेस संकट के दौर से गुजर रही है। हरदीप बावा परवाणु से जाकर नालागढ़ में राजनीतिक रूप से स्थापित होने जा प्रयास लंबे अरसे से कर रहे हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के काफी करीबी माने जाते थे। इसके आलावा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला से भी उनके काफी अच्छे राजनीतिक संबंध है। यही वजह है कि नालागढ़ से उनकी टिकट के लिए दावेदारी पुख्ता मानी जा रही है।

वहीं, दूसरी तरफ लखविंद्र राणा की जनता के बीच में अच्छी पकड़ है और वह सुखविंदर सिंह सूक्खू के करीबी हैं। कांग्रेस के लिए मौजूदा विधायक की टिकट काटना इतना आसान नहीं है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के लिए यह असमंजस पैदा हो गया है कि नालागढ़ में किस नेता का साथ दिया जाए।

विधायक लखविंद्र राणा का कहना है कि नालगढ़ में अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं से विवाद चल रहा है। इसके बाद रोजगार यात्रा स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि बुधवार से विधानसभा सत्र भी था। इसलिए वह नालागढ़ में मौजूद नहीं थे।


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