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कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गई हिमाचल में कंडक्टर भर्ती, जानिये क्या ह मामला

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी)में 2003- 2004 में हुई कंडक्टर भर्ती कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गई है। मामले में पहले विजिलेंस जांच हुई। जांच अधिकारी ने नियुक्तियां रद करने और एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश तो आला अधिकारियों ने इसे केवल प्रोसीजरल लैप्स (प्रक्रियात्मक खामी) माना।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 11:55 PM (IST)
कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गई हिमाचल में कंडक्टर भर्ती, जानिये क्या ह मामला
कानूनी दांवपेच में उलझकर रह गई कंडक्टर भर्ती।

रमेश सिंगटा, शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी)में 2003- 2004 में हुई कंडक्टर भर्ती कानूनी दांवपेच में उलझ कर रह गई है। मामले में पहले विजिलेंस जांच हुई। जांच अधिकारी ने नियुक्तियां रद करने और एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश तो आला अधिकारियों ने इसे केवल प्रोसीजरल लैप्स (प्रक्रियात्मक खामी) माना। अब चार साल से जांच शिमला पुलिस कर रही है। पुलिस की अभी तक चार्जशीट तैयार नहीं है। एक तरफ चार्जशीट तैयार कर रही तो दूसरी ओर वह कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआइआर को रद करने का टेक्नीकल ग्राउंड ले रही है। इस संबंध में रिविजन याचिका फाइल कर रखी है। स्पेशल जज फारेस्ट की कोर्ट में एफआइआर को ही चुनौती दी है। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं आया है। आलम यह कि न तो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो पाई और न ही एफआइआर रद हो पाई। ऐसे में शिकायतकर्ता को न्याय कैसे मिल पाएगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

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जांच में पाया गया था गड़बड़झाला

पुलिस जांच से पता चला है कि भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। इसमें विजिलेंस जांच पर मुहर लगी थी। 2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार कार्यकाल में भर्ती हुई थी। निगम में ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पस असिस्टेंट (टीएमपीए) यानी कंडक्टरों के 300 पद स्वीकृत किए गए थे, लेकिन भर्ती 378 पदों पर की गई। चार मंडलीय प्रबंधकों को चयन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट नहीं बनाई और न वेङ्क्षटग लिस्ट तैयार नहीं की। यही नहीं प्रबंधकों ने इंटरव्यू की शीट सील्ड कवर लिफाफे में नहीं भेजी, जबकि खुद निगम मुख्यालय पहुंचाया। मुख्यालय में अगस्त 2004 में कथित तौर पर मेरिट लिस्ट बनाई गई।

24864 ने किया था आवेदन

दो अगस्त, 2003 में बीओडी की बैठक में निर्णय हुआ कि टीएमपीए के 300 पद भरे जाएंगे। इन्हें दो हजार रुपये मासिक वेतन और दो फीसद तक टिकट पर कमीशन मिलनी थी। 23 सितंबर को एमडी ने मंडलीय प्रबंधकों को पत्र लिखा, जिसमें 300 पद भरने के बात लिखी थी। इसके लिए 24864 ने आवेदन किया था।

कब हुई परीक्षा

18 जनवरी, 2004 को लिखित परीक्षा हुई। इसमें 17890 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। डीएम प्रशासन की अध्यक्षता में 14 जनवरी 2004 को कमेटी बनी। इसका काम शिमला में अंसरशीट का मूल्यांकन करना था। मूल्यांकन के दौरान पाया कि 17890 में से 14107 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 50 फीसद और इससे अधिक अंक लिए। ये सभी इंटरव्यू में बैठने के लिए पात्र पाए गए।

लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थी

मंडल, अभ्यर्थी

शिमला,4179

हमीरपुर,3465

धर्मशाला,3502

मंडी,2961

कुल जोड़,14107


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