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पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माण में सुरंग के दायरे में आने वाली जमीन का नहीं मिलेगा मुआवजा, प्रभावित उग्र हुए

Mandi Pathankot Fourlane पठानकोट-मंडी फोरलेन भू अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत सरकार नूरपुर क्षेत्र के कंडवाल से भेडखड्ड तक के फोरलेन प्रभावितों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। जहां उनकी बहुमूल्य जमीन के दाम कौड़ियों में लगाकर उनको मुआवजे की प्रक्रिया को कछुआ चाल से अंजाम देकर ठग रही है

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 11:38 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 11:38 AM (IST)
पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माण में सुरंग के दायरे में आने वाली जमीन का नहीं मिलेगा मुआवजा, प्रभावित उग्र हुए
पठानकोट मंडी फोरलेन निर्माण के बीच बनने वाली सुरंगों की जद में आने वाली जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा।

जसूर, संवाद सहयोगी। Mandi Pathankot Fourlane, पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना की भू अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत सरकार नूरपुर क्षेत्र के कंडवाल से भेडखड्ड तक के फोरलेन प्रभावितों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। जहां उनकी बहुमूल्य जमीन के दाम कौड़ियों में लगाकर उनको मुआवजे की प्रक्रिया को कछुआ चाल से अंजाम देकर ठग रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार कोटला बेल्ट के फारलेन प्रभावितों को सुरंग के दायरे में आने वाली जमीन का मुआवजा नहीं देने का एक और विश्वासघात कर रही है जो सरासर अन्याय है।

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फोरलेन लोकबाडी के अध्यक्ष राजेश पठानिया ने इस तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए कहा कि उक्त योजना के तहत कोटला बेल्ट में बनने वाली सुरंग में आने वाले लोगों को जानकारी दी है कि सुरंग में आने वाली उनकी जमीन का कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

यह सरासर सरकार की ओर से जनता के साथ धोखा है, क्योंकि पिछले तीन-चार साल में सरकार ने इस विषय पर कभी कोई बात प्रभावितों को नहीं बताई कि आपको सुरंग में आने वाली जमीनों का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। जबकि सरकार पिछले तीन साल से पूरे नियम कानून के तहत उनकी जमीनों के खसरा नंबर राज्य पत्रों में आते रहे वह लोग पटवारी कानूनगो, एसडीएम से कंफर्म करते रहे और अंत में उनका अवार्ड भी बना दिए गए। लेकिन अब अंत समय में सरकार ने मुआवजे से मुकर कर अपनी संवेदनहीनता जाहिर कर दी है।

एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में यह सार्वजनिक घोषणा की थी कि किसी भी भूमि अधिग्रहण के चलते फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा और प्रदेश भाजपा ने भी चुनावों के दौरान अपने विजन डॉक्यूमेंट में यह घोषणा दोहराई थी। लेकिन अब डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद अपनी कथनी पर पूरा नहीं उतरा जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है। इससे प्रदेश सरकार से लोगों का मन ऊब चुका है तो सत्तारूढ़ स्थानीय नेताओं की इस मुद्दे पर चुप्पी साधना जनता से धोखा है।

लोगों को बिना मुआवजा दिए उनके जमीनों के नीचे से सुरंग बनाने के कारण उनकी जमीन की नमी खत्म हो जाएगी। जिससे न तो वह वहां पर पेड़ पौधे लगा पाएंगे और न ही वहां खेती कर सकेंगे और न ही उस जमीन पर घर बना सकेंगे क्योंकि नीचे सुरंग होने की वजह से लगातार खतरा बना रहेगा। इसलिए सरकार जागे और जल्द इस त्रुटि को सुधारते हुए प्रभावितों के जो अवार्ड घोषित किए हैं, उसकी राशि प्रभावितों के खाते में डाली जाए और जनता के साथ ठगी करना बंद करे।


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