अफसरों को लताड़, एक माह में मांगी रिपोर्ट; आयोग अब तक हुई कार्रवाई से असंतुष्ट
गद्दी समुदाय के लोगों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में दिल्ली में तलब किए गए प्रदेश सरकार के अधिकारियों की ओर से दिए गए जवाब को सुनने के बाद दिया है।
धर्मशाला, जेएनएन। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गद्दी समुदाय के लोगों पर लाठीचार्ज से कड़ा संज्ञान लेते हुए वर्ष बाद भी जांच पूरी न होने पर अफसरों को लताड़ लगाई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि एक समुदाय के लोगों के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहने पर क्यों न अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज हो। आयोग ने यह फैसला धर्मशाला के नड्डी गांव में गद्दी समुदाय के लोगों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में दिल्ली में तलब किए गए प्रदेश सरकार के अधिकारियों की ओर से दिए गए जवाब को सुनने के बाद दिया है।
आयोग अब तक हुई कार्रवाई से भी असंतुष्ट दिखा है। आयोग ने कहा कि हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ऊना में गद्दी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसके विरोध में जब गद्दी समुदाय के लोग नड्डी में शांतिपूर्वक पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे तो उन पर पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज किया था। आयोग ने कहा कि इसके बाद मामले की जांच धर्मशाला में की थी और कुछ बिंदुओं पर जानकारी तत्कालीन सरकार से मांगी थी लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी जांच नहीं हो पाई है। अधिकारियों की दलीलों को सुनने के बाद आयोग ने एक माह में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
ये रहे मौजूद
आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय, उपाध्यक्ष अनुसूइया उइके, प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से संयुक्त सचिव गृह केसी गौड़, डीजीपी की ओर से आइजी एपी सिंह, त्रिलोक कपूर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा व आयोग के अन्य सदस्य बैठक में मौजूद रहे।
‘गद्दी समुदाय के प्रति अपमानजनक शब्द कहने पर शिकायत आयोग से की गई थी। आयोग के समक्ष पक्ष रखा है। एक माह का समय अब अधिकारियों को दिया गया है। अब तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई
नहीं की गई थी और इस कारण ही मामला आयोग से उठाया है।’
-त्रिलोक कपूर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा
‘आयोग ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों को तलब किया था। एक वर्ष बीतने के बाद भी जवाब आयोग
की ओर से मांगे गए बिंदुओं पर नहीं दिया गया है और न ही सही ढंग से कार्रवाई की गई है। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री ने समुदाय के प्रति गलत शब्दों का प्रयोग किया था और उसके बाद लाठीचार्ज हुआ। आयोग का मानना है कि अपमानजनक शब्द कहने वाले के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।’
-अनुसूइया उइके, उपाध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
ये लिए गए निर्णय
’ समुदाय के अपमान पर क्यों न संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज हो मामला
’ पूर्व में जांच एएसपी स्तर के अधिकारी ने की और अब आइजी स्तर का अफसर करे।
’ लाठीचार्ज में घायल हुए लोगों को मिले मुआवजा।
’ दोषी अधिकारी के खिलाफ हो कार्रवाई
कब क्या हुआ
’ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ऊना प्रवास के दौरान 7 अगस्त, 2017 को गद्दी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी।
’ नौ अगस्त, 2017 को नड्डी में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के काफिले के समक्ष शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान गद्दी समुदाय के लोगों पर लाठीचार्ज हुआ था।
’ शिकायत पर 18 अगस्त, 2017 को आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार सहित अन्य सदस्यों ने धर्मशाला आकर मामले की जांच की थी। आयोग ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।