खंडहर जैसे दिख रहे कालोनी के क्वार्टर
उपमंडल जवाली के अंतर्गत मिनी सचिवालय के समीप कर्मचारियों के लिए निर्मित आवासीय कलोनी के क्वार्टरों की हालत काफी बदतर हो चुकी है। क्वार्टरों की खस्ताहालत के कारण अधिकतर कर्मी तो किराया पर ही कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं और अगर कोई कलोनी के क्वार्टरों में रह रहा है तो अपनी जान को जोखिम में ड़ालकर रह रहा है। कलोनी में 1
संवाद सूत्र, जवाली : उपमंडल जवाली के अंतर्गत मिनी सचिवालय के समीप कर्मचारियों के लिए निर्मित आवासीय कालोनी के क्वार्टरों की हालत बदतर है। खस्ताहालत के कारण अधिकतर कर्मी किराये पर कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं। कुछ लोग जान को जोखिम में डालकर रह रहे हैं। कालोनी में 18 क्वार्टर हैं। मौजूदा समय में 12 ही क्वार्टरों में कर्मी रह रहे हैं। छत की टीन टूट जाने के कारण इनमें कबूतरों ने डेरा डाल रखा है। अधिकतर खिड़कियां व दरवाजे टूट चुके हैं तथा बारिश होने पर क्वार्टरों में सीलन भी होनी शुरू हो जाती है। कलोनी को करीब 17 साल पहले निर्मित किया गया था, लेकिन उसके उपरांत आजतक इसकी सुध नहीं ली गई। क्वार्टरों का सीमेंट उखड़ चुका है तथा बाहर घास उगी हुई है। इन क्वार्टरों के इर्द-गिर्द कांट-छांट भी नहीं की जाती है। बुद्धिजीवियों ने कहा कि अनदेखी के कारण लाखों की लागत से बनी कलोनी खंडहर होने की कगार पर है। अगर इनकी अनदेखी इसी प्रकार रही तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब सारे क्वार्टर ही धराशायी हो जाएंगे। लोगों ने मांग की है कि आवासीय कलोनी के क्वार्टरों की मरम्मत की जाए, ताकि कर्मचारी बिना किसी डर के इसमें रह सकें।
उधर, एसडीएम जवाली अरुण कुमार शर्मा का कहना है कि इनकी मरम्मत के लिए एस्टीमेट बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को कहा गया है। जैसे ही एस्टीमेट मिल जाएगा तो जिलाधीश को भेज दिया जाएगा। बजट मिलते ही मरम्मत करवा दी जाएगी।