जयराम बोले, व्यवहारिकता से दूर विपक्ष कर रहा बेवजह राजनीति; शांता के सुझाव पर कही यह बात
CM Jairam Thakur कोरोना महामारी का यह समय हर किसी के लिए संकट से कम नहीं है। लेकिन व्यवहारिकता से दूर विपक्ष इस समय भी बेवजह की राजनीति पर उतारू है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी का यह समय हर किसी के लिए संकट से कम नहीं है। लेकिन व्यवहारिकता से दूर विपक्ष इस समय भी बेवजह की राजनीति पर उतारू है। जरूरत इस बात की है कि वह लोग भी इस समय की परिस्िथतियों को समझे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर धर्मशाला में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा भले ही गुजरे कुछ समय में हालात खराब भी हुए और प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ा़। लेकिन केंद्र सरकार की मदद से सरकार ने हालातों पर काबू पाया और आर्थिक के सुधार को लेकर कई कदम भी उठाए।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश में निजी क्षेत्र में कार्यरत हर व्यक्ति को नुकसान हुआ है। लेकिन बावजूद इसके व्यवस्था को सुधारा गया और सबसे बड़ी बात यह भी रही कि सरकारी क्षेत्र में किसी के वेतन में कटौती नहीं की गई और यहां तक कि पेंशनधारकों को भी उनकी पेंशन दी गई। फिर भी विपक्ष शोर शराबा मचा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कुल मिलाकर 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी सरकार को हुआ है। बावजूद इसके सरकार के कदम विकास की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा जो पैसा अभी तक विभिन्न विभागों के तहत खर्च नहीं हो पाया है अब उस 12 हजार करोड़ रुपए की राशि को विकास कार्यों में खर्च किए जाने को लेकर दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।
राजनीतिक रूप से बड़ा यह जिला
धर्मशाला को दूसरी राजधानी के दर्जे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा राजनीतिक रूप से जिला कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। राजनीति ही नहीं बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी जिला मुखयालय धर्मशाला की अपनी एक अलग अहमियत है। जिसे नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा सरकार की रिवायत के अनुसार इस बार यहां का शीतकालीन प्रवास पूरा नहीं हो पाया था, इसलिए अब सरकार मानसून प्रवास पर जिला में है।
शांता के सुझाव का स्वागत
शांता कुमार द्वारा कोरोना महामारी के इस समय में कम से कम प्रवास की सलाह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सुझाव का स्वागत है। उन्होंने माना कि पहले दिन थोडी परिस्थतियां खराब जरूर हुई थीं पर स्थिति को संभाला गया। उनका कहना था कि यह लापरवाही बरतने का दौर नहीं है, इस ओर भी ध्यान रखा जा रहा है। यह कोशिश भी है कि कोई स्वागत भी न हो।
15 अगस्त के बाद होगा मंदिर खोलने का फैसला
प्रदेश में मंदिरों को खोलने का फैसला हालातों को देखकर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त के बाद सरकार प्रदेश के हालातों की समीक्षा करेगी और उसक बाद ही मंदिरों को खोलने को लेकर कोई निर्णय भी होगा।