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Water Scheme:योल में सात साल से बंद पड़ी पेयजल योजना को किया जाए शुरू, लोग हो रहे हैं परेशान

गांवों में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए हैंडपंप तथा टयूब की योजना को कार्यांवित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करने मे जुटी है।लेकिन गांवों में अभी भी कुछ प्राकृतिक जल स्रोत ऐसे हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 01:45 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 01:45 PM (IST)
Water Scheme:योल में सात साल से बंद पड़ी पेयजल योजना को किया जाए शुरू, लोग हो रहे हैं परेशान
योल में पेयजल योजना ऐसी भी हैं जो पर्याप्त पानी न होने से ठप्प हो कर रह गई हैं।

योल, सुरेश कौशल। गांवों में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए हैंडपंप तथा टयूब की योजना को कार्यांवित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करने में जुटी है।लेकिन गांवों में अभी भी कुछ प्राकृतिक जल स्रोत ऐसे हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया ‌‌‌‌‌कुछ योजना ऐसी भी हैं कि पर्याप्त पानी न होने से ठप्प हो कर रह गई। बजह क्या रही यह तो पंचायत या फिर विभाग ही स्पष्ट कर पाएगा। बहरहाल इसे अनदेखी की शिकार कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

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ऐसा ही एक प्राकृतिक जल स्रोत नान कुट जदरांगल बल्ला पंचायत का है जोकि तत्तकालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में 1978 के दौरान निर्मित हुआ था और उस समय गांव में पांच नल स्थापित किए गए थे। बाद में इसे जल‌ शक्ति विभाग को स्थानांतरित किया गया। तब से पूरे गांव को इसी जल स्रोत से पेयजल आपूर्ति होती रही ‌। पिछले सात साल से इस स्रोत को वन्द कर इक्कू खड्ढ से सीधी सप्लाई दी जा रही।जिस पर गांव के लोगों ने पंचायत के माध्यम से विभाग से मांग की है इसी जल स्त्रोत से गांव को पानी मुहैया कराया जाए। समाज सेविका प्रवीन कुमारी ने कहा कि पिछले सात सालों से संबंधित विभाग ने इस जल स्रोत को बंद कर इक्कू खड्ढ से पानी की सप्लाई देनी शुरू कर दी है। बरसात के दिनों मे पानी की सप्लाई तो प्रभावित होती ही है, वहीं पानी भी मटमैला आता है। विभाग इस जल स्रोत को बहाल करें।

जदरांगल पंचायत उप-प्रधान सुनील दत्त ने कहा कि नान कुट जल स्रोत में तीन टैक पहले से ही बनी यह योजना 1978 के दौरान तत्तकालीन प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में शुरू हुई थी पिछले सात साल से बंद पड़ी है विभाग इस ओर ध्यान दे। पंचायत प्रधान रीता देवी ने कहा कि पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग से इस प्राचीन जल स्रोत को पुनः चालू करने के लिए मांग रखी है। क्योंकि इक्कू खड्ढ का पानी वरसात के दिनों में मटमैला पानी आता है। विभाग इस प्रस्ताव पर गौर करें। उधर जल शक्ति विभाग मंडल धर्मशाला सहायक अभियंता संदीप गुलेरिया ने कहा कि नान कुट जल स्रोत की योजना को बहाल करने के लिए वर्क अवार्ड हो चुका है। कार्य अगले हफ्ते शुरू किया जा रहा है।


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