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CID Raid : गैर कानूनी तरीके से दवा बेचने के आरोप में बद्दी में कंपनी मालिक व प्रबंधक किया गिरफ्तार

CID Raid In Pharma Industry हिमाचल की स्टेट सीआइडी ने दवाओं की गैर कानूनी बिक्री को लेकर सोलन के बद्दी स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी मालिक व प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है।

By Virender KumarEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:15 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:43 AM (IST)
CID Raid : गैर कानूनी तरीके से दवा बेचने के आरोप में बद्दी में कंपनी मालिक व प्रबंधक किया गिरफ्तार
सीआइडी ने गैर कानूनी तरीके से दवा बेचने के आरोप में बद्दी में कंपनी मालिक व प्रबंधक गिरफ्तार किया।

शिमला, राज्य ब्यूरो। CID Raid on Pharmaceutical Company, हिमाचल की स्टेट सीआइडी ने दवाओं की गैर कानूनी बिक्री को लेकर सोलन के बद्दी स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी मालिक व प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है। इनके कार्यालय और घरों में भी दबिश दी गई है। सीआइडी ने शिमला में मामला दर्ज किया है। यह थोक दवा धारक ट्रेडिंग कंपनी है। इसका मुख्यालय पंजाब के मोहाली के जीरकपुर में है। डीजीपी संजय कुंडू ने जांच के लिए एसआइटी का गठित की है। आइजी क्राइम अतुल फुलजले इस केस की निगरानी करेंगे।

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किस पर हुई कार्रवाई

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह की शिकायत के आधार पर सीआइडी ने मैसर्स जैनेट फार्मास्यूटिकल्स (मुख्यालय जीरकपुर) के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र के तहत केस दर्ज किया है। नवनीत मारवाह और उनके अधिकारियों की टीम ने कंपनी के लेनदेन का आडिट किया और फर्म की संदिग्ध बिक्री पाई। उन्होंने राज्य पुलिस से मामले की गहनता से जांच करने का आग्रह किया।

ये हैं आरोपित

कंपनी के मालिक पंजाब के बरनाला निवासी 38 वर्षीय दिनेश बंसल और पानीपत के मैनेजर 32 सोनू सैनी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि उन्होंने एनडीपीएस दवाओं को बेचने का फर्जी बिल तैयार किए। इसमें नाइट्राजेपम, कोडीन और एटिजोलम दवाएं शामिल थीं। ये मंडी स्थित थोक दवा डीलर को बेचनी दर्शाई गई। प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि मंडी स्थित ड्रग डीलर को इनके पास से ऐसी दवाएं नहीं मिलीं। उन्होंने दवाओं का आर्डर भी नहीं लिया था। यह पता चला है कि आरोपित ने अपनी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान, पंजाब इत्यादि राज्यों में जाने के लिए किया था। इनमें भी एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन किया।

पंजाब में रद हुआ था लाइसेंस

जांच के दौरान पता चला है कि पंजाब में इससे पहले 2018-19 में ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन के लिए थोक दवा लाइसेंस रद कर दिया था। इसके बाद 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा कारोबार शुरू किया। पंजाब के बरनाला में एक फार्मा फैक्ट्री भी चला रहे हैं।

100 करोड़ का लेनदेन आया जांच की जद में

जांच से पाया गया है कि दो साल के भीतर एनडीपीएस दवाओं सहित 100 करोड़ रुपये से अधिक की दवाओं का लेनदेन किया। कंपनी ने कई खेप राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भेजी हैं। आशंका है कि कंपनी उत्तर भारत में अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करी का रैकेट चला रही थी।

डीजीपी ने गठित की एसआइटी

डीजीपी ने जांच के लिए स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के मुखिया एसपी जी शिवाकुमार की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की है। आइजी क्राइम इस केस की निगरानी करेंगे। यह टीम कंपनी के सारे कारोबार की जांच करेंगे।

आज पंजाब में होगी कार्रवाई

सीआइडी की टीम शनिवार को पंजाब में कार्रवाई करेगी। वहां पर कंपनी की फैक्ट्री में दबिश दी जाएगी। जांच के अनुसार कंपनी के पास दवा का लाइसेंस तो है, पर लाइसेेंस के नाम पर जाली बिलों पर अवैध कारोबार होता था।


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