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आश्‍वासन के बाद भी नहीं बन पाए कांगड़ा के इन रणबांकुरों की स्‍मृति में चौक, जानिए इनके बारे में

Himachal Martyr Chwok कांगड़ा के रणवांकुर डाढ के रहने वाले भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा तथा बड़ोई के महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रत्न नाथ शर्मा की शौर्य गाथा की स्मृति में चौक नहीं बन पाया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 09:54 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 09:54 AM (IST)
आश्‍वासन के बाद भी नहीं बन पाए कांगड़ा के इन रणबांकुरों की स्‍मृति में चौक, जानिए इनके बारे में
कांगड़ा के रणवांकुर डाढ के रहने वाले भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा

योल, सुरेश कौशल। Himachal Martyr Chwok, वैसे तो सरकार देश‌ की सेवा में प्राण न्यौछावर करने वाले तथा युद्ध में वीरता दिखाने वाले रणवांकुरों के सम्मान में स्मृति चौक वीर चौक की स्थापना कर उन्हें श्रद्धांजलि देने की पहल करती ही है, लेकिन कुछेक वीरों को भुला देना उनकी वीरता को गौण कर देती है। इसी तरह कांगड़ा के रणवांकुर डाढ के रहने वाले भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा तथा बड़ोई के महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रत्न नाथ शर्मा की शौर्य गाथा की स्मृति में चौक नहीं बन पाया है। सरकारों के मात्र आश्वासन ही मिले लेकिन इनकी स्मृति में चौक नहीं बन पाए।

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कांग्रेस कार्यकाल के दौरान श्री चामुंडा पूर्व सैनिक संगठन और वरिष्ठ नागरिक संगठन का एक शिष्टमंडल स्वर्गीय डॉ. कुलदीप शर्मा की अगुवाई में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मिला और उन्होंने संगठन को जल्द ही इन दोनों रणवाकुरों की स्मृति को यादगार बनाए रखने के लिए चौक बनाने के लिए आश्वसत किया था। लेकिन सरकार बदलते ही आश्वासन ही रह गया। अब भी मेजर सोमनाथ शर्मा की प्रतिमा में पुष्प गुच्छ अर्पितकर इति श्री कर ली जाती है ।

वहीं ब्रिगेडियर रत्न‌नाथ शर्मा की स्मृति में शेष कुछ नहीं है। बस कुछ ही जानकार लोगों को उनकी वीरता का पता है। मलाल तो इस बात का है कि सरकार को राजनीति से परे हट कर कांगड़ा के इन वीरों को सम्मान देने की पहल करनी चाहिए।

क्या है इन वीरों की शैर्य गाथा

मेजर सोमनाथ शर्मा 1947 के भारत-पाक संघर्ष के दौरान 3 नवंबर को वडगांव में शहीद हो गए थे। वह भारतीय सेना कमाऊ रेजीमेट की चौथी बटालियन में थे। भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया था। वहीं 1965 और 1971 में भारत पाक युद्ध में वडोई चामुंडा के वीर ब्रिगेडियर रत्न नाथ शर्मा ने भी अपनी वीरता का परिचय दिया था। 1971 के युद्ध के दौरान उन्होंने तंगधार में पाक सेना को खदेड़ पर जीत हासिल की थी और उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था।

यह बोले सांसद

कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर ने कहा कि  कांगड़ा के रणवांकुरों की स्मृति को संजोये रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।


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