Move to Jagran APP

श्रद्धा व सम्मान के साथ आपके पास पहुंचेगा चिंतपूर्णी मां का प्रसाद, मंदिर न्‍यास ने की खास व्‍यवस्‍था

Chintpurni Temple Trust श्री चिंतपूर्णी मंदिर न्यास की ओर से दिए जाने वाला प्रसाद कोरोना काल में श्रद्धालुओं तक पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ पहुंचेगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 03:17 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 03:17 PM (IST)
श्रद्धा व सम्मान के साथ आपके पास पहुंचेगा चिंतपूर्णी मां का प्रसाद, मंदिर न्‍यास ने की खास व्‍यवस्‍था
श्रद्धा व सम्मान के साथ आपके पास पहुंचेगा चिंतपूर्णी मां का प्रसाद, मंदिर न्‍यास ने की खास व्‍यवस्‍था

ऊना, राजेश शर्मा। श्री चिंतपूर्णी मंदिर न्यास की ओर से दिए जाने वाला प्रसाद कोरोना काल में श्रद्धालुओं तक पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ पहुंचेगा। इसके लिए डाक विभाग ने विशेष तैयारी की है। मंदिर न्यास और श्रद्धालुओं की भावनाओं का आदर करते हुए इस प्रसाद के पैकेट व पार्सल को पूरे सफर में जमीन पर नहीं रखा जाएगा। वाहनों में भी दूसरी डाक भरने के बाद उसमें सबसे ऊपर यह पैकेट या पार्सल होगा। श्रद्धालुओं में माता का प्रसाद घरद्वार पाने के लिए खासा उत्‍सा है। मां चिंतपूर्णी के प्रति लाखों करोड़ों लोगों के दिल में गहरी आस्‍था है।

loksabha election banner

अलग से पार्सल होंगे पैक

चिंतपूर्णी मंदिर के स्पेशल प्रसाद के लिए अलग से पार्सल तैयार किए जा रहे हैं। इसमें विशेष रंग का पार्सल होगा, जिसमें लिखा गया होगा कि उसमें माता के दरबार का प्रसाद है। इस आशय की सूचना डाक विभाग की ओर से देशभर के डाक सर्किलों को भी दी गई है। इसके अलावा इन पार्सल को पूरे सम्मान के साथ पैक किया जाएगा। माता के दरबार हाल से लेकर डाक वाहन तक भी ये पार्सल भूमि पर कहीं नहीं रखे जाएंगे।

अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती

ऊना डाक मंडल के वरिष्ठ अधीक्षक रामतीर्थ शर्मा ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर के प्रसाद की पैकिंग व पार्सल तैयार करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई है। इस स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है और ऊना डाक मंडल के अधीक्षक की ओर से भी जरूरी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। पूरी शुद्धता के साथ प्रसाद की पैकिंग हो रही है, साथ ही पार्सल तैयार किए जा रहे हैं।

डाक विभाग रखेगा श्रद्धालुओं की भावनाओं का ख्याल

माता श्री चिंतपूर्णी के प्रसाद को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग को जिम्मेदारी मिली है। श्रद्धालुओं और मंदिर न्यास की भावनाओं को समझते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि माता का प्रसाद का पार्सल व पैकेट पूरे सफर में कहीं भी ऐसे स्थान पर न रखे जाएं जहां प्रसाद के साथ यात्रियों के पैर पहुंचने की संभावना हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.