सीमा पर चीन की चाल तेज, एलएसी के नजदीक सड़कों व पुलों का निर्माण कर रहा
चालबाज चीन ने पिछले दो वर्ष में हिमाचल की सीमा से सटे तिब्बत क्षेत्र में चाल तेज कर दी है। हिमाचल से लगती सीमा पर बुनियादी ढांचा व निगरानी तंत्र पहले से मजबूत किया है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक सड़कों और पुलों का निर्माण कर रहा है।
रमेश सिंगटा, शिमला : चालबाज चीन ने पिछले दो वर्ष में हिमाचल की सीमा से सटे तिब्बत क्षेत्र में चाल तेज कर दी है। तिब्बत क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी बढ़ी है। हिमाचल से लगती सीमा पर बुनियादी ढांचा व निगरानी तंत्र पहले से मजबूत किया है। चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक सड़कों और पुलों का निर्माण करते हुए सैन्य चौकियां स्थापित कर रहा है।
चीन की बढ़़ती सैन्य गतिविधियों को देखते हुए हिमाचल पुलिस प्रमुख (डीजीपी) ने राज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि सीमा पर स्थित दो जिलों लाहुल स्पीति व किन्नौर में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की उपस्थिति और बढ़ाएं। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में ड्रोन से निपटने की व्यवस्था, वायु रक्षा प्रणाली मजबूत करने व स्थानीय लोगों को गुरिल्ला प्रशिक्षण देने की भी बात कही गई है। हिमाचल राजभवन इस रिपोर्ट को जल्द ही केंद्र सरकार को सौंपेगा।
सेना, सुरक्षा बल और चौकस :
हिमाचल से लगते चीन के क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना व आइटीबीपी के अलावा आंतरिक सुरक्षा देख रही पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। हाड़ जमाने वाली ठंड और बर्फबारी के बीच सेना, सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद है।
240 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा :
हिमाचल के दो जिलों की 240 किलोमीटर लंबी सीमा चीन के तिब्बत से जुड़ी हुई है। नौ नवंबर, 2021 में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीमा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। इस संबंध में राजभवन में शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की मौजूदगी में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन देकर वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया।
क्या कहा था राज्यपाल ने
राज्यपाल ने राज्य पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति में चीन के साथ लगती प्रदेश की सीमा बहुत संवेदनशील है और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। किन्नौर और लाहुल-स्पीति के लगभग 48 सीमावर्ती गांवों के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता बताई थी। इन क्षेत्रों में पुलिस थानों और चौकियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
पारछू के नजदीक सड़कों का निर्माण :
हिमाचल से सटे तिब्बत की पारछू झील तक चीन ने पक्की सड़कों का निर्माण किया है। पारछू नदी के दोनों ओर के किनारों तक सड़कों, पुलों के निर्माण किया गया है। सेटेलाइट तस्वीरों और डाटा से खुलासा हुआ है कि चीन ने इस क्षेत्र में विकास गतिविधियां बढ़ा दी हैं। हिमाचल प्रदेश के जलवायु परिवर्तन केंद्र ने इस संबंध में 2020 तक के डाटा का विश्लेषण कर दिया है। मुख्य विज्ञानी अधिकारी डा. एसएस रंधावा के अनुसार, अब सतलुज बेसिन पर चीन के इलाकों सहित सभी झीलों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। 2005 में पारछू झील टूटने के कारण स्पीति, सतलुज नदी में बाढ़ आई थी।
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हिमाचल की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। सीमा क्षेत्र की रिपोर्ट राजभवन को सौंपी गई थीं। इसके बारे में राजभवन ही बेहतर बना सकता है। मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।
- संजय कुंडू, डीजीपी, हिमाचल