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मुख्‍य सचिव ने डीसी कांगड़ा से मांगी हवाई अड्डा विस्‍तार से संबंधित विस्‍तृत रिपोर्ट, शीघ्र शुरू होगा कार्य

Airport Extension Progress Report प्रदेश सरकार ने कांगड़ा के उपायुक्त को हवाई अड्डे के संबंध में निर्देश दिए हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 09:55 AM (IST)
मुख्‍य सचिव ने डीसी कांगड़ा से मांगी हवाई अड्डा विस्‍तार से संबंधित विस्‍तृत रिपोर्ट, शीघ्र शुरू होगा कार्य
मुख्‍य सचिव ने डीसी कांगड़ा से मांगी हवाई अड्डा विस्‍तार से संबंधित विस्‍तृत रिपोर्ट, शीघ्र शुरू होगा कार्य

शिमला/धर्मशाला, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने कांगड़ा के उपायुक्त को हवाई अड्डे के संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि वह गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार के लिए जमीन की आवश्यकता सहित दूसरी जरूरतों की विस्तृत रिपोर्ट दें। प्रदेश सचिवालय में मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में पर्यटन परियोजनाओं को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पर्यटन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए कहा गया।

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कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर सरकार गंभीर है। हवाई अडडे का विस्तार शीघ्र शुरू होगा। इसके लिए उपायुक्त को निर्देश दिए गए हैं। कांगड़ा जिला उपायुक्त को भुंतर हवाई अड्डे को विस्तार देने के लिए व्यास नदी के साथ निजी भूमि मालिकों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। सोलन जिला उपायुक्त से शिमला हवाई अड्डे के लिए जमीन का अधिक मूल्य मांग रहे भू-मालिकों से औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है।

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शिमला के चलौंठी में निर्माणाधीन हेलीपोर्ट को मई तक पूरा किया जाए। अभी तक इस पोर्ट पर आठ करोड़ राशि खर्च हो चुकी है। माना जा रहा है कि इस हेलीपोर्ट की लागत बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त शिमला जिला के रामपुर, सोलन जिला के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, मंडी शहर और कुल्लू जिला के पलचान में हेलीपोर्ट बनाने की औपचारिकताएं पूरी हैं। सभी चार स्थानों पर हेलीपोर्ट निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर हो चुका है। वहीं, छोटी काशी मंडी में प्रस्तावित शिव धाम परियोजना के लिए 125 बीघा जमीन का मामला शीघ्र सुलझाने के लिए कहा गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) आरडी धीमान का कहना है कि सभी परियोजनाओं का निर्माण समयबद्ध किया गया है।

जंजैहली व चांशल को विकसित करने के लिए निवेशकों की तलाश

जंजैहली व चांशल घाटी को विकसित करने के लिए सरकार के पास बजट का अभाव है। ऐसे में प्रदेश की दोनों खूबसूरत वादियों को विकसित करने के लिए निजी निवेशकों की तलाश की जा रही है। मंडी जिला की जंजैहली घाटी में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए 30 करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू हुई हैं। इस घाटी को विश्व मानचित्र पर लाने के लिए निजी निवेश की आवश्यकता है। जंजैहली घाटी को देवी-देवताओं के मंदिरों का एक सर्किट बनाकर प्रस्तावित किया गया है। शिमला जिला की चांशल घाटी विश्व की खूबसूरत घाटियों में शामिल हैं। सरकार के पास चांशल घाटी की नई सैरगाह के तौर पर विकसित करने के लिए धन की कमी है। चांशल तक पहुंचने वाली सड़कों की हालत खस्ता है।

दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पर्यटन पर जोर

इन्वेस्टर्स मीट के तहत दूसरी ग्राऊंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पर्यटन विभाग 2500 करोड़ रुपये के एमओयू को धरातल पर उतारने का प्रयास करेगा। जिला सोलन व शिमला के जिला उपायुक्तों को धारा-118 से जुड़े 16 मामलों पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। वन कानून के तहत पांच परियाजनाओं पर रिपोर्ट मांगी थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) आरडी धीमान का कहना है कि दोनों जिलों के उपायुक्तों ने 118 से जुड़े मामलों में अपनी रिपोर्ट दे दी है।


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