चेकडैम व तालाब बनने से सूखे जलस्रोतों में आई जान, यहां 1602 गांवों के साथ लगते नालों में किया निर्माण
Chekdam Construct मनरेगा के तहत बनने वाले चेकडैम व पानी के तालाब सूख रहे प्राकृतिक जलस्रोतों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। चेकडैम व तालाब बनने से प्राकृतिक जलस्रोतों में पानी आने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में आशा की नई किरण जगी है।
हमीरपुर, रणवीर ठाकुर। मनरेगा के तहत बनने वाले चेकडैम व पानी के तालाब सूख रहे प्राकृतिक जलस्रोतों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। चेकडैम व तालाब बनने से प्राकृतिक जलस्रोतों में पानी आने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में आशा की नई किरण जगी है। जिला हमीरपुर की 248 पंचायतों व 1602 गांवों के साथ लगते नालों में मनरेगा के तहत चेकडैम बनाने से प्राकृतिक जलस्रोतों में पानी आने से लोगों को काफी राहत है। जिले में तेज गर्मी पडऩे के दौरान इसका सीधा असर प्राकृतिक जलस्रोतों पर भी पड़ता है। इससे स्रोतों में जलस्तर में कमी आ जाती है साथ ही कुछ सूख भी जाते हैं। इसका प्रभाव स्रोतों से पेयजल की सप्लाई पर भी पड़ता है। अब देखने में आया है कि मनरेगा जलसंरक्षण के लिए सहारा बनी है। इससे किसानों व बागवानों के खेत भी हरे हो रहे हैं। किसानों-बागवानों ने खेतों में सिंचाई करके सब्जियां उगाना शुरू कर दी हैं।
यह है मनरेगा के तहत चेकडैम व जल संग्रहण की संरचनाएं
जिला हमीरपुर की 248 पंचायतों के 1602 गांवों में नालों पर 226 चेकडैम व तालाब बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जिला में 19 चेकडैम व जल संग्रहण संरचनाएं बनकर तैयार हैं जिससे क्षेत्र में जलसंरक्षण को काफी बढ़ावा मिला है। 46 चेकडैम व तालाबों के निर्माण का कार्य पांचों उपमंडलों में चल रहा है। 169 का निर्माण इसी वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। जिला में प्रत्येक चैकडैम व तालाबों का निर्माण करने के लिए एक-एक लाख रुपये खर्च किया जा रहा है। जिला में बने 19 चैकडैम व तालाबों में 780.46 लाख लीटर पानी की क्षमता है। इससे किसानों व बागवानों को फसलों की पैदावार को बढ़ाने व खेतों की सिंचाई करने में काफी मदद मिल रही है।
क्या कहते हैं परियोजना अधिकारी
जिला परियोजना अधिकारी, हमीरपुर केडीएस कंवर का कहना है जिले में मनरेगा के तहत चेकडैम व तालाब बनाए जा रहे हैं। चेकडैम व तालाब प्राकृतिक जलस्रोतों के लिए वरदान साबित हुए हैं। सूख रहे प्राकृतिक जलस्रोतों में पानी आया जिससे ये जलस्तर बढऩे में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। गांवों में किसानों व बागवानों के लिए नालों पर बने चैकडैम व तालाब उनकी फसलों की पैदावार बढ़ाने व सब्जियों की सिंचाई करने के लिए गर्मियों में भी काफी सहायक हो रहे है। हमारा प्रयास है कि जलसंरक्षण को अधिक बढ़ावा मिले और सूखे पेयजल स्रोतों में भी अधिक जलस्तर बढ़े ताकि लोगों को पीने का पानी भी पर्याप्त मात्रा में मिले।