Move to Jagran APP

Hoshiyar Singh murder case.... डिप्टी रेंजर के खिलाफ आरोप तय

वनरक्षक होशियार सिंह मौत मामले में मुख्य आरोपित तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में आरोप तय कर दिए हैं। सीबीआइ ने चार्जशीट 2019 में कोर्ट में दाखिल की थी। विशेष जज सीबीआइ प्रवीण चौधरी ने पाया कि तेज राम ने वनरक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाया।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 10:09 PM (IST)
Hoshiyar Singh  murder case.... डिप्टी रेंजर के खिलाफ आरोप तय
डिप्टी रेंजर के खिलाफ आरोप तय। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। वनरक्षक होशियार सिंह मौत मामले में मुख्य आरोपित तत्कालीन डिप्टी रेंजर तेज राम के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में आरोप तय कर दिए हैं। सीबीआइ ने मुख्य चार्जशीट 2019 में कोर्ट में दाखिल की थी। शिमला के विशेष जज सीबीआइ प्रवीण चौधरी ने पाया कि तेज राम वर्मा ने वनरक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाया।

loksabha election banner

अदालती कार्यवाही के अनुसार, तत्कालीन डिप्टी रेंजर ने ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं, जिसके कारण होशियार सिंह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुआ। अदालत ने चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों से पाया कि वनरक्षक को गैर कानूनी कार्य के लिए बाध्य किया। देवदार के पेड़ों के अवैध कटान को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की बजाय इस अधिकारी ने वनरक्षक को ही धमकाया। उसे मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया। इसी से जुड़े अवैध वन कटान के दो मामलों की सीबीआइ जांच भी 2019 में पूरी हो गई थी। इनमें तीन आरोपितों की गिरफ्तारियां हुई थी। ये बाद में कोर्ट से जमानत पर बाहर आए।

सीबीआइ ने पहली चार्जशीट भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए विवश करना) के तहत दाखिल की थी। अगर आरोप सही साबित हुए तो दस साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

क्या है मामला

मामला सेरी कतांडा बीट से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की शिमला शाखा ने 26 अक्टूबर, 2017 को तीन अलग-अलग केस दर्ज किए थे। इनमें दो केस वन कटान और एक हत्या का था। ऐसा पुलिस की तीन अलग-अलग एफआइआर के आधार पर किया गया था। होशियार ङ्क्षसह जून, 2017 में लापता हो गया था। नौ जून को उसका शव पेड़ से लटका बरामद हुआ था।

तीन सुसाइड नोट मिले थे जिनमें से एक में लिखा था कि 'वह दुनिया छोड़कर तो जाना नहीं चाहता पर क्या करें संसार सच्चे आदमी को जीने नहीं देता है। इस दुनिया में ईमानदार होना सबसे बड़ा गुनाह है।Ó तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस केस को पहले सीआइडी के हवाले किया था। तब सरकार ने सीबीआइ जांच करवाने से इन्कार किया। बाद में हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। इसी मामले में वन विभाग की एसआइटी ने भी जांच की थी। इसमें पाया गया था कि सैरी-कतांडा में बड़े पैमाने पर वन कटान हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.