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आनलाइन बैठक में बोले कुलपति शोधार्थियों का कोर्स वर्क होना आवश्यक

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि पीएचडी के शोधार्थियों का कोर्स वर्क होना आवश्यक है। छह माह के होने वाले कोर्स वर्क का कोरोना के दौरान कैसे संचालन होगा इस बारे में हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा।

By Richa RanaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:02 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 05:02 PM (IST)
आनलाइन बैठक में बोले कुलपति शोधार्थियों का कोर्स वर्क होना आवश्यक
कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने विभागाध्यक्षों के साथ आनलाइन बैठक की।

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि पीएचडी के शोधार्थियों का कोर्स वर्क होना आवश्यक है। छह माह के होने वाले कोर्स वर्क का कोरोना के दौरान कैसे संचालन होगा, इस बारे में हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा। शोधार्थियों का विश्वविद्यालय कैंपस में आना आवश्यक है। उन्होंने सभी अधिष्ठाताओं और विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि कोरोना को लेकर अगर हालात ठीक रहते हैं, तो शोधार्थियों का कोर्स वर्क पूरा करवाएं, फिर चाहे वे दो महीने या तीन महीने का ही हो।

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कुलपति सोमवार को विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाताओं और विभागाध्यक्षों की आयोजित आनलाइन बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। इस मौके पर विभागों की ओर से छह माह में किए गए कार्यों की समीक्षा भी की गई। बैठक की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विशाल सूद ने की। उन्होंने छह माह पहले विश्वविद्यालय में कुलपति का कार्यभार संभालने के बाद हर विभाग अध्यक्षों को जो जिम्मेवारियां सौंपी थी, उनकी समीक्षा की। सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और आगामी योजनाओं पर भी विचार-विर्मश किया गया।

उन्होंने परीक्षाओं के संचालन संबंधी कहा कि विश्वविद्यालय की गठित कमेटी जल्द ही बैठक करेगी ओर परीक्षाओं को लेकर क्या फैसला लिया जाएगा, कमेटी तय करेगी। इस दौरान विश्वविद्यालय में टीचिंग और नान टीचिंग की भर्ती को लेकर हुए स्क्रीनिंग संबंधी मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा न्यूज लेटर, जरनल प्रकाशित किए जाने संबंधी, क्लबों के गठन और उनकी गतिविधियों के संबंध में, नैक के दौरे को लेकर हो रही तैयारियों पर विस्तार पर चर्चा हुई। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि हर विभाग अपनी गतिविधियों को बढ़ाएं। जिससे उनकी अलग से पहचान बन सके। इससे विश्वविद्यालय का स्तर भी ऊंचा होगा। विभागों की हर यथा संभव मदद की जाएगी, लेकिन इसके लिए विभागों को योजनाएं बनानी होंगी।

वहीं उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस बात पर विचार कर रहा है कि शोधार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाए। जिससे शोधार्थियों की अलग पहचान हो सके। केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस समय करीब पांच सौ से छह सौ शोद्यार्थी हैं। उसकी कार्यकुशलता का हमें सदुपयोग करना चाहिए। हमें उन्हें प्रोत्साहित करना होगा कि वे नए इनोवेटिव आइडिया लेकर आएं। अगर वो पटेंटे योग्य हुए तो उसके पंजीकरण संबंधी विश्वविद्यालय उसका खर्चा उठाएगा। लेकिन इसके लिए शोधार्थियों को काम देना होगा। कुलपति ने धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले विवि के परिसर की प्रगति संबंधी जानकारी को सांझा किया। उन्होंने कहा कि वन भूमि संबंधी मामला जल्द से जल्द एफसीए को भेजा जा रहा है और गैर वन भूमि पर कुछ दिक्कतें आ रही थीं उन्हें भी सुलझा लिया गया है। इस संबंध में दो बैठकें हो चुकी हैं।


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