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10 वर्ष से अधर में लटके केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के स्थायी कैंपस के लिए मां बगलामुखी की शरण में विद्यार्थी व शिक्षक

केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण में सरकार मंत्रियों व नेताओं के आश्वासन व घोषणाओं के बावजूद धरातल पर कुछ न होने पर अब अब प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने मां बगलामुखी की शरण ली है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 02:03 PM (IST)
10 वर्ष से अधर में लटके केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के स्थायी कैंपस के लिए मां बगलामुखी की शरण में विद्यार्थी व शिक्षक
10 वर्ष से अधर में लटके केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के स्थायी कैंपस के लिए मां बगलामुखी की शरण में विद्यार्थी व शिक्षक

धर्मशाला, जेएनएन। केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण में सरकार, मंत्रियों व नेताओं के आश्वासन व घोषणाओं के बावजूद धरातल पर कुछ न होने पर अब अब प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने मां बगलामुखी की शरण ली है। रविवार को बनखंडी स्थित मां बगलामुखी मंदिर में हवन करवाया, ताकि सीयू को जल्द स्थायी कैंपस मिल सके।

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हवन में भौतिकी विभाग के प्रो. भाग चंद चौहान, अंग्रेजी विभाग के प्रो. रोशन लाल, पत्रकारिता विभाग के प्रो. बलदेव भाई शर्मा समेत अन्य विभागों के प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने हवन में आहुतियां डाली। 

दस साल से केंद्रीय विश्वविद्यालय शाहपुर, धर्मशाला व देहरा में अस्थायी परिसरों में चल रहा है। कांग्रेस व भाजपा सरकारें सीयू के स्थायी भवन का निर्माण नहीं करवा पाई हैं। देहरा में हालांकि भवन का शिलान्यास हो चुका है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है तथा यही वजह है कि सरकार से नाराज प्राध्यापकों व छात्रों ने मां बगलामुखी की शरण ली है।

2009 में शाहपुर कॉलेज में अस्थायी कैंपस से सीयू की कक्षाएं शुरू हुई। धौलाधार कैंपस के लिए 2016 में बीएड कॉलेज धर्मशाला में कक्षाएं शुरू हुई और 2018 में ब्वॉयज स्कूल धर्मशाला का भवन भी सीयू के धौलाधार परिसर को दिया गया। वहीं इसी वर्ष देहरा में सप्त सिंधू परिसर देहरा में भी कक्षाएं शुरू हुई हैं।

कब मिला था केंद्रीय विवि

केंद्रीय विवि की 20 मार्च 2009 को राष्ट्रपति ने अधिसूचना जारी की थी और पहले कुलपति के रूप में प्रो. फुरकान कंवर ने पदभार संभाला था। केंद्रीय विवि की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह ने 15 अगस्त 2007 को लाल किले से की थी। योजना आयोग ने घोषणा के बाद 16 नए केंद्रीय विवि की संसद से मंजूरी के लिए 2009 में मामला भेजा था।

अधिकतर भूमि सीयू के नाम

देहरा व जदरांगल की अधितकर भूमि सीयू के नाम हो चुकी है। देहरा में तीन सौ तो जदरांगल में 50 एकड़ भूमि शामिल है। जदरांगल में 700 एकड़ भूमि की स्वीकृति का मामला केंद्रीय वन मंत्रालय के पास लंबित है। 21 फरवरी, 2019 को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सीयू भवन निर्माण कार्य का नींव पत्थर रखा था।


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