हिमाचली रंग में रंगे सीयू के शोधार्थी, सफेद कुर्ता और टाेपी पहनकर ली डिग्रियां
केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश का पांचवां दीक्षा समारोह शुक्रवार को त्रिगर्त सभागार धर्मशाला में हुआ।
धर्मशाला, जेएनएन। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश का पांचवां दीक्षा समारोह शुक्रवार को त्रिगर्त सभागार धर्मशाला में हुआ। पांचवें दीक्षा समारोह में मेधावियों ने हिमाचली टोपी पहनकर मेडल और डिग्रियां हासिल कीं। विवि के विद्यार्थियों ने पहली बार गाउन की बजाय छात्राओं ने सफेद कुर्ता और हिमाचली टोपी, जबकि छात्रों ने सफेद कुर्ता और हिमाचली टोपी पहनकर डिग्री हासिल की। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जबकि अध्यक्षता सीयू के कुलाधिपति डॉ. हरमोहिंद्र सिंह वेदी ने की। इस दौरान सीयू में विभिन्न शैक्षणिक सत्रों में पास होने वाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों को उपाधियां दी गई। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों के विभागों में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कुल 33 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल समेत 828 को उपाधियां दी गईं।
मुख्यातिथि पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में हुई देरी चिंताजनक है लेकिन अब इसके भवन निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू होगा। शिक्षा के मंदिर में उपाधि हासिल करना बड़ी उपलब्धि है और यहीं से छात्रों के अगले जीवन की शुरुआत भी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी हासिल करना ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण करना भी है। युवा पीढ़ी की मानसिक स्थिति को योग व ध्यान के माध्यम से भी सुधारा जा सकता है और दिशा में केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने कॉलेज के विषय में योग को भी शामिल करने जा रहा है।
इससे पूर्व केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्रीय विवि में नए कोर्स भी आरंभ किए गए हैं। देहरा में भूमि सीयू के नाम हो चुकी है और धर्मशाला में भी यह प्रक्रिया अंतिम दौर में है। सीयू भवन निर्माण को लेकर 1400 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी है और शीघ्र भवन निर्माण का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। अपने अध्यक्षयीय भाषण में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बेदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति अभी तक कोई नया स्वरूप नहीं ले सकी है, जबकि सात वर्ष से इसे लेकर चर्चा देशभर में चल रही है।
उन्होंने इस बात की वकालत की कि शिक्षा का माध्यम भारतीय ही होना चाहिए। आज इस बात की खुशी है कि प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस ओर ध्यान दिया जा रहा है, जिसका परिणाम यहां पर योग व पंजाबी विषय शुरू करना भी है। दीक्षा समारोह में सभी विषयों के पासआउट छात्रों व पीएचडी करने वालों को डिग्री, गोल्ड मेडल व डॉक्ट्रेट की उपाधि से नवाजा गया।