केंद्र की तर्ज पर नया वेतनमान लागू कर सकती है प्रदेश सरकार, ढाई लाख कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
हिमाचल सरकार कर्मचारियों को जल्द बड़ी राहत दे सकती है। सरकार ढाई लाख कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर नया वेतनमान देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल सरकार कर्मचारियों को जल्द बड़ी राहत दे सकती है। सरकार ढाई लाख कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर नया वेतनमान देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के विनोद गुट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अनिल खाची से मुलाकात की। उन्होंने नया वेतनमान देने के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
हिमाचल वेतनमान को लेकर पंजाब सरकार के साथ जुड़ा है। हालांकि पंजाब में आर्थिक हालत सही नहीं है। अब कर्मचारी केंद्रीय तर्ज पर सातवां वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार इसे लागू करती है तो हिमाचल के खजाने पर एक हजार से लेकर 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि इसका आकलन करना अभी बाकी है।
कर्मचारियों को 21 फीसद अंतरिम राहत (आइआर) पहले से ही दी जा रही है। यह भी वेतनमान का ही हिस्सा गिनी जाएगी। इसे देने से आर्थिक बोझ कम हो जाएगा। केंद्र अपने कर्मचारियों को जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर चुका है। हिमाचल के कर्मियों को इसे जारी नहीं किया गया है। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष विनोद कुमार की अगुवाई में अनिल खाची से प्रदेश सचिवालय शिमला में मिला।
इस विषय पर चर्चा के दौरान अनिल खाची ने अवगत करवाया कि सरकार इस मामले में गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री के साथ जल्द चर्चा कर उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने महासंघ को प्रदेश के वित्तीय संसाधनों के संबंध में भी अवगत करवाया और कहा कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। प्रतिनिधिमंडल में महासंघ के नेता रविंद्र मेहता, गोबिंद बरागटा, शालीग्राम चौहान, एलडी चौहान, राज चौधरी, हरि सिंह ठाकुर, बीआर हरनोट आदि शामिल थे।
वेतन में होगी हजारों रुपये की बढ़ोतरी
सरकार यदि नया वेतनमान जारी करने का फैसला लेती है तो उससे हर कर्मचारी के मासिक वेतन में हजारों रुपये की बढ़ोतरी होगी। जनवरी 2016 से बढ़े हुए वेतन को लागू करने के तौर पर एरियर भी देना होगा। हालांकि अभी तक सरकार पंजाब सरकार की ओर देख रही थी। वहां छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की जा रही हैं। राज्य के कर्मचारियों को छठा वेतनमान मिलेगा जबकि केंद्र में यह सातवां है।