चीन सीमा पर सड़क निर्माण में अड़ंगा, लेबर की कमी के कारण नहीं पहुंच पाया सीमेंट; आठ लाख बैग होंगे सप्लाई
Manali Leh Road लेह-लद्दाख में चीन सीमा के साथ चल रहे सड़क निर्माण को समय पर सीमेंट की खेप न पहुंचने से झटका लग सकता है।
मंडी, जेएनएन। लेह-लद्दाख में चीन सीमा के साथ चल रहे सड़क निर्माण को समय पर सीमेंट की खेप न पहुंचने से झटका लग सकता है। सड़क निर्माण में ड्रैगन पहले ही बाधा बना हुआ है। दोनों देशों में तनाव की स्थिति बनी है। मनाली-लेह मार्ग को बहाल हुए करीब 15 दिन हो गए हैं, मगर अब तक एक बैग सीमेंट की सप्लाई नहीं हुई है। सीमा पर सड़कों के निर्माण के लिए इस बार करीब आठ लाख सीमेंट बैग की मांग आई है।
सीमेंट ढुलाई का काम सुंदरनगर की जेएस कार्गो कंपनी करती है। लेह-लद्दाख के लिए 43 व 53 ग्रेड ओपीसी यानी ऑर्डिनरी पोर्टलैंड सीमेंट की सप्लाई होती है। यह सीमेंट जल्दी पकड़ बनाता है। इसकी आपूर्ति एसीसी बरमाणा व दाड़लाघाट के अंजुबा संयंत्र से होती है। ट्रक ढुलाई के लिए 15 दिन से तैयार खड़े हैं। ढुलाई शुरू न होने की बड़ी वजह लेह लद्दाख में लेबर न होना है। ठेकेदारों की लेबर हवाई मार्ग से हर साल मार्च में लेह पहुंच जाती थी, मगर कफ्र्यू के चलते हवाई सेवा बंद होने से लेबर नहीं पहुंच पाई है।
कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड से लेबर आने को तैयार नहीं है। सीमेंट ढुलाई का काम हर हाल में 31 अक्टूबर से पहले खत्म करना होता है। बर्फबारी होने से फिर मार्ग छह माह के लिए बंद हो जाता है। एक ट्रक में करीब 220 बैग सीमेंट जाता है।
लेह लद्दाख आने-जाने में एक ट्रक को पांच से छह दिन लगते हैं। ढुलाई शुरू न होने से ट्रक मालिक भी परेशान हैं। करीब छह माह तक लेह लद्दाख के लिए सीमेंट व अन्य सामान की ढुलाई कर अच्छी कमाई कर लेते थे। जेएस कार्गों कंपनी के लिए ऐसे हालात में आठ लाख बैग सीमेंट लेह तक पहुंचाना इस बार पहाड़ जैसी चुनौती बन गया है।
मनाली-लेह मार्ग को बहाल हुए 15 दिन हो गए हैं, मगर सीमेंट की ढुलाई शुरू नहीं हो पाई है। इस बार आठ लाख बैग सीमेंट की मांग आई है। लद्दाख में लेबर बिलकुल नहीं है। ऐसे में अनलोडिंग नहीं हो पाएगी। -सर्वजीत सिंह, एमडी जेएस कार्गों कंपनी सुंदरनगर।