हिमाचल के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट, ये 12 लोग आरोपित
Scholarship scam बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।
शिमला, जेएनएन। बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। शिमला की एक कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में कुल 12 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है। इनमें से 6 शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं, जबकि 5 आरोपितों का संबंध केसी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट पंडोगा उन्नाव से है। एक अन्य आरोपित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नवांशहर पंजाब का है।
अब सभी 12 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में मुक़दमा चलेगा। चार्जशीट में जिन व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है, उनमें शिक्षा विभाग का तत्कालीन अधीक्षक एवं छात्रवृत्ति विंग का डीलिंग हैंड अरविंद, तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर माला मेहता, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ श्रीराम शर्मा, तत्कालीन अधीक्षक एवं बीडीओ सुरेंद्र मोहन कंवर, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ अशोक कुमार, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ वीरेंद्र कुमार शामिल है।
केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की निदेशक सरोज शर्मा, तत्कालीन कैंपस निदेशक डॉक्टर बीएस संधू, तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं मालिक हितेश गांधी, तत्कालीन अध्यक्ष प्रेम लाल गांधी, कार्यकारी प्रिंसिपल किरण चौधरी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नवांशहर पंजाब के तत्कालीन हेड कैशियर एसपी सिंह शामिल हैं। 265 करोड़ के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने कड़ी छानबीन के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की हैं।
तीन लोगों की पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
सीबीआइ नई दिल्ली के प्रवक्ता आरके गौड़ का कहना है छात्रवृत्ति घोटाले की पहली चार्जशीट कोर्ट में दायर की गई है। इसमें कुल 12 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है, इनमें से छह शिक्षा विभाग के कर्मचारी रहे हैं। अब इनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलेगा, इनमें से 3 लोगों को सीबीआई पहले गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने 7 मई को पिछले वर्ष शिमला स्थित अपनी ब्रांच में एफआइआर दर्ज की थी।