पटवारी भर्ती परीक्षा में सीबीआइ को नहीं मिले अपराध के साक्ष्य, प्रशासनिक चूक हुई; कांगड़ा में डटी टीम
Patwari Bharti Exam Dispute पटवारी भर्ती में सीबीआइ को अपराध के साक्ष्य नहीं लेकिन प्रशासनिक चूक और कुप्रबंधन के तथ्य जरूर मिले हैं।
शिमला, जेएनएन। पटवारी भर्ती में सीबीआइ को अपराध के साक्ष्य नहीं, लेकिन प्रशासनिक चूक और कुप्रबंधन के तथ्य जरूर मिले हैं। प्रदेशभर में पटवारियों के 1194 पद भरने के लिए पिछले साल 17 नवंबर को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें धांधली के आरोप लगाए गए थे। मामला हाईकोर्ट पहुंचने पर सीबीआइ जांच के आदेश दिए गए थे।
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में परीक्षा के दौरान किसी प्रकार का अपराध होने के सुबूत नहीं मिले हैं। इस कारण एफआइआर दर्ज होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक चूक और कुप्रबंधन के तथ्य जरूर सामने आए हैं। हालांकि अभी जांच और गति पकड़ेगी। जांच एजेंसी फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। जिन अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, उनसे भी पूछताछ होगी।
प्रभावित अभ्यर्थियों के बयान कलमबद्ध किए जा रहे हैं। सीबीआइ की एक टीम कांगड़ा जिले में डटी है। सप्ताह तक मामले की तह तक पहुंचा जाएगा। हर शिकायतों की जांच गंभीरता से हो रही है। अभी तक कई कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की गई है। निदेशक भू- अभिलेख से भी प्रारंभिक पूछताछ की गई है।
जिला कांगड़ा के धीरा स्थित परीक्षा केंद्र पर सबसे ज्यादा विवाद हुआ था, यहां समय पर सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा सामग्री नहीं बांटी गई थी। इस कारण युवा भड़क गए थे व खूब हंगामा किया था। कुछ अभ्यर्थियों ने आंसर शीट फाड़ दी थीं तो कुछ अपने साथ ही लेकर चले गए थे।
कोर्ट के आदेश पर हो रही जांच
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच सीबीआइ को सौंपी है। आठ अप्रैल तक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैंकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोलनंबर देने, प्रश्नपत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां होने के आरोप लगे हैं। इस कारण सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए।