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सैंज परियोजना में 728 करोड़ का अनावश्यक भुगतान, कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानिए पूरा मामला

CAG Report हिमाचल की पूर्व कांग्रेस सरकार ने 100 मेगावाट की सैंज जलविद्युत परियोजना में कंपनी को 728.04 करोड़ का अनावश्यक भुगतान किया था।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 09:33 AM (IST)
सैंज परियोजना में 728 करोड़ का अनावश्यक भुगतान, कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानिए पूरा मामला
सैंज परियोजना में 728 करोड़ का अनावश्यक भुगतान, कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानिए पूरा मामला

शिमला, जेएनएन। हिमाचल की पूर्व कांग्रेस सरकार ने 100 मेगावाट की सैंज जलविद्युत परियोजना में कंपनी को 728.04 करोड़ का अनावश्यक भुगतान किया था। यह जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में सामने आई है। कैग के अनुसार इस अनावश्यक भुगतान को रोका जा सकता था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैग की रिपोर्ट सदन में पेश की। रिपोर्ट के अनुसार  2016-17 में 676.29 करोड़ रुपये की प्रस्तावित सैंज परियोजना को 29 माह में कमीशन किया जाना था, लेकिन  निर्माण में देरी से उत्पादन लागत 3.74 रुपये से बढ़कर 6.23 रुपये प्रति यूनिट पहुंच गई। इसके लिए एशियन विकास बैंक (एडीबी) की ओर से 659 करोड़ की राशि ग्रांट थी और शेष दस फीसद राशि यानी 73.22 करोड़ कर्ज की रकम थी। करार के तहत अब राज्य सरकार को 931 करोड़ का भुगतान करना पड़ेगा जबकि परियोजना से प्रति यूनिट 4.40 रुपये विद्युत मिलेगी।

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रिपोर्ट में 23 सार्वजिनक उपक्रमों व दो कंपनियों की स्थिति से अवगत करवाया गया। अधिकांश सार्वजनिक उपक्रमों को सरकार के लापरवाह रवैये से नुकसान उठाना पड़ा। यहां करोड़ों का खर्च रोका जा सकता था। 31 मार्च, 2018 तक ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने 12,114.52 करोड़ का लंबी अविध का कर्ज उठाया। यह कर्ज पिछले तीन साल के दौरान लिया गया।

विद्युत उपभोक्ताओं से डिमांड शुल्क की 1.97 करोड़ कम रिकवरी

अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2018 तक राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले डिमांड शुल्क की 1.97 करोड़ कम रिकवरी हुई। कायदे से यह रिकवरी एक साल के दौरान दो बार होनी चाहिए थी।

लैपटॉप पर बेवजह खर्च दिए 84 लाख

2014-15 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को लैपटॉप देने की घोषणा की थी, जिसके तहत 7500 लैपटॉप की खरीद की गई। इस खरीद में विसी सॉफ्टवेयर की कोई जरूरत नहीं थी। इससे सरकार के खजाने को 84 लाख का चूना लगा।

देसी शराब में चहेतों को लाभ

पिछली सरकार में देसी शराब का कोटा उठाने की एवज में 55.65 लाख रुपये दिए गए। यह राशि शराब की नीति और नियमों के विपरीत थी। प्रदेश के दो स्थानों मेहतपुर व परवाणू में देसी शराब के बॉटङ्क्षलग यूनिट हैं। यहां से शराब उठाने की एवज में लाखों रुपये दिए गए थे। जिसपर कैग रिपोर्ट में आपत्ति जताई है।

एयर कंडीशनर बसों का सर्विस टैक्स नहीं लिया

प्रदेश में पहली जून, 2016 से चलने वाली एयर कंडीशनर बसों से राज्य पथ परिवहन निगम प्रबंधन ने छह फीसद सर्विस टैक्स एकत्र नहीं किया। परिणामस्वरूप इसका नुकसान हुआ। यह सर्विस टैक्स यात्रियों से लिया जाना था।

ठेकेदारों को 8.22 करोड़ अधिक भुगतान

ठियोग-कोटखाई-खड़ापत्थर-रोहड़ू सड़क के निर्माण के लिए तय राशि से अधिक भुगतान किया गया। सड़क पर निर्माण सामग्री बिछाने के लिए हिमाचल प्रदेश सड़क एवं अन्य आधारभूत ढांचा विकास निगम ने ठेकेदारों को 8.22 करोड़ रुपये की अधिक राशि का भुगतान किया।

कंदरोड़ी व पंडोगा में 20 काम अधूरे

औद्योगिक क्षेत्र कंदरोड़ी व पंडोगा में 20 काम अधूरे थे, लेकिन 103.40 करोड़ रुपये खर्च हो गए। मार्च, 2018 तक इन क्षेत्रों की हालत के चलते सरकार ने हिमकान को 1.04 करोड़ का अधिक भुगतान कर दिया। सर्विस टैक्स के तौर पर 15.12 लाख दिया गया। यह राशि कंसलटेंसी के तौर पर दी गई। कंदरौड़ी प्रोजेक्ट जनवरी, 2016 से अक्टूबर, 2017 तक विकसित होना था।


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