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आज भी खतरा ही दिखते हैं पहाड़ों को चीर कर बने भवन, 60 डिग्री से ज्यादा ढलान पर भी है निर्माण

Shimlla Building Collapsed शहर में पहाड़ों पर बने बहुमंजिला भवनों पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. एनजीटी ने अब 45 डिग्री की ढलान से ज्यादा की जमीन पर निर्माण पर रोक लगा रखी है। 60 डिग्री से ज्यादा के ढलान पर भवन बने हैं

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 03:34 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 03:34 PM (IST)
आज भी खतरा ही दिखते हैं पहाड़ों को चीर कर बने भवन, 60 डिग्री से ज्यादा ढलान पर भी है निर्माण
पहाड़ों पर बने बहुमंजिला भवनों पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. एनजीटी ने अब 45 डिग्री की ढलान से

शिमला, जागरण संवाददाता। शहर में पहाड़ों पर बने बहुमंजिला भवनों पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. एनजीटी ने अब 45 डिग्री की ढलान से ज्यादा की जमीन पर निर्माण पर रोक लगा रखी है। इससे पहले कई स्थानों पर ऐसे भवन बने हुए हैं जो 60 डिग्री से ज्यादा के ढलान पर भवन बने हैं ऐसी स्थिति में भवनों के गिरने की आशंका ज्यादा रहती है। दूसरी तरफ राजधानी में भवन निर्माण के दौरान निकले मलबे को नीचे फेंक दिया जाता था। कुछ साल बाद उसी पर दूसरा भवन बन जाता है। मलबे पर बने भवनों की स्थिरता कई बार इंसान की जान पर भी भारी पड़ती दिखी है।

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राजधानी के आसपास के कई क्षेत्र ऐसे हैं. जहां पर बिना प्लानिंग या बेतरतीब तरीके से भवनों का निर्माण किया गया है। संजौली का समिट्री सहित न्यू मर्ज एरिया के कई क्षेत्र ऐसे हैं. जहां पर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर दिया गया है। कई जगह तो भवनों की मंजिलों की संख्या का आंकड़ा 10 तक पहुंच गया है, हालांकि छह या सात तो यहां सामान्य है। ऐसी स्थिति में इन भवनों में रह रहे लोग कितने सुरक्षित है। इसको लेकर सवाल उठते रहे हैं. इसके बावजूद शहर में बने हुए भवनों के नीचे खुदाई का काम लगातार जारी रहता है।

नॉर्थ ऑक में हादसा शुक्रवार को भले ही सामने आया है लेकिन इससे कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर ढली बाईपास पर पिछले पांच सालों में दो बहुमंजिला इमारतें पूरी तरह से ढह चुकी है। उस समय भी नियमों से लेकर सख्ती तक की बात हुई, लेकिन फिर हालत सामान्य कुछ ही दिनों के बाद हो जाते हैं. अब इस हादसे के बाद निगम प्रशासन क्या सीख लेकर नए निर्देश जारी करता है इस पर सबकी नजर रहेगी।

फिलहाल तो हालत यह है कि शहर में आज भी भवन पुराना हो या नया उसके नीचे खुदाई के लिए मशीनें तक लगा दी जाती है। इससे भवन की नींव तक हिल जाती है। दशक भर पहले टूटू के शिव नगर में भी मशीन से हो रही खुदाई के चलते दो भवन मिट्टी में मिल गए थे। अब नॉर्थ आक में इसी तरह का हाथसा सामने आया है।

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अब मिट्टी की मजबूती जांचने के बाद ही मिलेगी भवन निर्माण की मंजूरी : मेयर

नगर निगम भवन निर्माण की मंजूरी देने के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है। मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि इसके तहत ऐसे स्थानों पर ही भवन निर्माण की मंजूरी दी जाएगी । जहां पर मिट्टी मजबूत होगी मलबे या ढीली पकड़ वाली जमीन पर भवन निर्माण की मंजूरी नहीं दी जाएगी। शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए नियमों में थोड़ी सख्ती करने की जरूरत है। शीघ्र ही इसका प्रस्ताव निगम की मासिक बैठक में लाया जाएगा।


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