रोहतांग दर्रा पर भारी बर्फबारी से मनाली लेह मार्ग बहाली प्रभावित, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
Rohtang Pass शुक्रवार रात से बदले मौसम के मिजाज ने ठंड बढ़ा दी है। रोहतांग र्दे में दो फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है।
धर्मशाला/मनाली, जेएनएन। शुक्रवार रात से बदले मौसम के मिजाज ने ठंड बढ़ा दी है। रोहतांग र्दे में दो फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है। बीआरओ के जवानों को रोहतांग र्दे से पीछे हटना पड़ा है। मौसम ने र्दे के खुलने की उम्मीद लगाए बैठे हजारों किसानों को निराश कर दिया है। बीआरओ की रोहतांग बहाली मात्र आठ किमी शेष रह गई है। बीआरओ को व्यासनाला व राहनीनाला में हिमखंड हटाने में काफी समय लगा है। बाबजूद इसके बीआरओ र्दे की बहाली के करीब पहुंच गया था, लेकिन मौसम में आए बदलाव ने बीआरओ को पीछे की ओर धकेल दिया है।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर में बताया कि रोहतांग र्दे में दो फीट बर्फबारी हुई है। उन्होंने बताया कि बीआरओ को एक बार फिर कोकसर व मढी से सड़क बहाली शुरू करनी पड़ेगी। रोहतांग बहाली अब मौसम पर निर्भर हो गई है। उधर बर्फबारी व ठंड बढ़ने से बागवान परेशान हो गए हैं।
कुल्लू के कोठी में पांच और केलंग में आठ सेंटीमीटर बर्फ गिरी। पांगी में भी बर्फबारी हुई। प्रदेश में सबसे अधिक बारिश मनाली में हुई। प्रदेश के न्यूनतम तापमान में पांच से सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जबकि अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री की वृद्धि हुई है।
बारिश-बर्फबारी ने किसानों-बागवानों की चिंता बढ़ाई
बारिश और बर्फबारी ने बागवानों-किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इन दिनों सेब के पौधों पर फूल आ गए हैं और ठंड के कारण सेटिंग में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा शनिवार को ओलावृष्टि के साथ बारिश होने से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में 40 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चलने और बारिश व ओलावृष्टि के लिए यलो अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग ने 20 अप्रैल तक चंबा, कांगड़ा कुल्लू और मंडी जिला के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
जोगेंद्रनगर में गिरे ओले फसल को नुकसान
उपमंडल व आसपास के इलाकों में दोपहर बाद हुई भारी ओलावृष्टि के कारण फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि जिलेभर में मौसम दिन भर खराब था। दोपहर बाद जोगेंद्रनगर व इसके आस पास के इलाकों में तेज हवा के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। ओलावृष्टि के कारण ऊपरी क्षेत्र में लगे सेब के फूलों सहित, सब्जियों, गेहूं की खड़ी फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।