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सोशल मीडिया पर छाया शांता कुमार का चुटकुला, लोगों से किया आह्वान खूब मुस्कराएं

इन दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हो गए हैं। फेसबुक पर उनके लिखे लेखों को जहां समर्थक पसंद कर रहे हैं

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 05:54 PM (IST)
सोशल मीडिया पर छाया शांता कुमार का चुटकुला, लोगों से किया आह्वान खूब मुस्कराएं
सोशल मीडिया पर छाया शांता कुमार का चुटकुला, लोगों से किया आह्वान खूब मुस्कराएं

पालमपुर, जेएनएन। इन दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हो गए हैं। फेसबुक पर उनके लिखे लेखों को जहां समर्थक पसंद कर रहे हैं, वहीं बुद्धिजीवी वर्ग भी इन पर प्रतिक्रिया दे रहा है। बुधवार को शांता कुमार ने कोरोना के कारण पैदा हुई उदासी से उबरने के लिए जनता का आह्वान किया कि हंसिये और मुस्कराए। ऐसा करने से इंडिया भी मुस्कुराएगा और फिर जीतेगा।

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सोशल मीडिया पर लिखे लेख में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और दिग्ग्गज भाजपा नेता रहे विष्णुकांत शास्त्री के साथ घटी एक घटना का जिक्र करते हुए गुदगुदाने का प्रयास किया। साथ ही अमर शहीद भगत सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारा भगत सिंह यदि फांसी के फंदे पर चढ़ कर हंस सकता था तो हम घर पर भी परिवार के साथ कुछ दिन खुशी से क्यों नहीं रह सकते ? हंसिये, मुस्कुराइए और जोर से कहिए, फिर मुस्कुराएगा इंडिया फिर जीतेगा इंडिया। इस लेख पर काफी लोगों ने प्रतिक्रिया दी है।

शांता कुमार लिखते हैं कि अटल जी और शास्त्री जी को उन्होंने एक चुटकुला सुनाया कि एक भूखा शेर जोर से दहाड़ा। सामने एक धोती पहने ब्राrाण आ गया, वह घबराया और भागा। शेर पीछे भागा। ब्राrाण ने हाथ जोड़े और गिड़गिड़ाया, जंगल के राजा मैं गरीब हूं, मुङो छोड़ दो। मैं तुम्हारी शादी करवा दूंगा। कोई दक्षिणा नहीं लूंगा। शादी की बात सुनते ही शेर मुड़ा और जोर से भागा। जंगल में शोर मच गया जंगल का राजा भाग रहा है। सामने एक चूहा आया और पूछा, जंगल के राजा आप क्यों भाग रहे हैं।

इस पर शेर बोला, एक ब्राrाण मेरे पीछे पड़ा है। कह रहा है कि शादी करा दूंगा। चूहे ने कहा, जंगल के राजा यह बात है तो भाग जाओ पीछे मुड़कर देखना ही मत। शेर भागा फिर खड़ा हो गया बोला, चूहे तुम यह क्यों कह रहे हो। चूहे ने कहा, जंगल के राजा मैं सच कहता हूं कि शादी से पहले मैं भी शेर ही था। शेर भाग खड़ा हुआ। अटल जी खिलाकर हंसें और मुङो देखकर कहने लगे, इसलिए मैं अभी भी शेर हूं और तुम जंगल का राजा। शांता लिखते हैं कि आज अटल जी और शास्त्री जी इस दुनिया में नहीं पर मैं यह सब याद करते उन्हें देख रहा हूं।


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