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निजी हित से चलाया जा रहा है किसान आंदोलन, हिमाचल का कोई किसान नहीं खिलाफ : भाजपा

Farmers Movement पूर्व राज्यसभा सदस्‍य एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने कहा वह भी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे हैं। यह आंदोलन निजी हित से चलाया जा रहा है। यह बिल बिचौलियों को खत्म करेगा। किसान को एपीएमसी से मुक्त किया जाए यह दशकों से मांग रही है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 12:31 PM (IST)
निजी हित से चलाया जा रहा है किसान आंदोलन, हिमाचल का कोई किसान नहीं खिलाफ : भाजपा
पूर्व राज्यसभा सदस्‍य एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार व अन्‍य नेता धर्मशाला में पत्रकार वार्ता करते हुए।

धर्मशाला, जेएनएन। पूर्व राज्यसभा सदस्‍य एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने कहा वह भी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे हैं। यह आंदोलन निजी हित से चलाया जा रहा है। यह बिल बिचौलियों को खत्म करेगा। किसान को एपीएमसी से मुक्त किया जाए, यह दशकों से मांग रही है। चार दिसंबर 2012 में कपिल सिब्बल ने कहा किसानों की एपीएमसी से मुक्त किया जाए। उनके मेनीफेस्टो में रहा, लेकिन अब दलालों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भाजपा किसान हित में काम करती है। इस बिल से किसान को कई लाभ का प्रावधान किया है। पिछले छह साल में कृषि बजट छह गुना बढ़ा है। कृषि ऋण दो गुना बढ़ा है।

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पंजाब और महाराष्ट्र में विरोध कर रहे हैं। बड़े किसान आढ़ती बन चुके हैं। इस आंदोलन के तार अंतराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े है। टुकड़े टुकड़े गैंग इसको समर्थन कर रही है। यह कानून किसानों के हित में है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के संबंध पहले से ही दलालों के साथ रहे हैं। किसानों से आग्रह है मिलकर चलें। एमएसपी और किसानों की मांगों का लिखित मसौदा दिया था। लेकिन किसानों ने उसे समझा ही नहीं, क्योंकि आंदोलन को उकसाने वाले खुद किसान नहीं हैं।

हिमाचल में किसी भी किसान ने इस आंदोलन का समर्थन नहीं किया है। यहां आंदोलन करने वाले भी कामरेड हैं, जितने लोग वो इकठ्ठा कर रहे हैं उससे अधिक तो हम ऐसे ही खड़े कर देंगे। इस मौके पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी सचिन शर्मा, राकेश शर्मा और अधिकांश डोगरा मौजूद रहे।


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