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Himachal By Election: चुनावी नैया पार लगाने के लिए रोजाना नई रणनीति, भाजपा ने खेला आेबीसी कार्ड

विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला में सियासी गतिविधियां चरम पर हैं। बागियों की चाल को पस्त करने के लिए दोनों ही राजनीतिक दल रोजाना नई रणनीति के साथ चाल चल रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:34 AM (IST)
Himachal By Election: चुनावी नैया पार लगाने के लिए रोजाना नई रणनीति, भाजपा ने खेला आेबीसी कार्ड
Himachal By Election: चुनावी नैया पार लगाने के लिए रोजाना नई रणनीति, भाजपा ने खेला आेबीसी कार्ड

धर्मशाला, दिनेश कटोच। विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला में सियासी गतिविधियां चरम पर हैं। बागियों की चाल को पस्त करने के लिए दोनों ही राजनीतिक दल रोजाना नई रणनीति के साथ चाल चल रहे हैं। बागियों से पार पाने और हलके में विजय पताका लहराने के लिए भाजपा ने ओबीसी कार्ड खेला है व कांग्रेस ने शहरी क्षेत्र को मजबूत करने के बहाने टिकट की दौड़ में पिछड़े नेता को बड़ी जिम्मेवारी देकर दुलारा है।

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भाजपा इस बात से भलीभांति परिचित है कि ओबीसी बाहुल्य धर्मशाला हलके में बागी नेता राकेश चौधरी भी चुनावी दौड़ में हैं। हालांकि इस वर्ग के लोगों को विश्वास में लेने के लिए अनिल चौधरी पहले से ही पार्टी के समर्थन में प्रचार के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और अब  कमल चौधरी को पार्टी ने भगवा रंग में रंग दिया है। कमल को अपने पाले में करने का कारण यह है कि उनकी ओबीसी वर्ग में गहरी पैठ है। वह पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में  मैदान में थे और हजार के पार उनके खाते में वोट भी थे। ओबीसी के इन दोनों नेताओं के सहारे भाजपा अपने इस वर्ग के आजाद प्रत्याशी राकेश चौधरी पर निशाना साधने का प्रयास कर रही है।

दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में कांग्रेस के वोट बैंक का ग्राफ गिराने के लिए नगर निगम धर्मशाला के वार्ड 15 से कांग्रेस के ही बागी पुनीष  पाधा चुनावी रण में हैं। शहरी क्षेत्र में वोट बैंक का ग्राफ बढ़ाने के बहाने कांग्रेस ने नगर निगम के महापौर देवेंद्र जग्गी को पार्टी के प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी सौंपकर उन्हें दुलारने का प्रयास किया है। देवेंद्र जग्गी को दुलारने का कारण यह भी है, क्योंकि वे भी टिकट की दौड़ में थे और टिकट कटने के बाद कहीं न कहीं उन्हें इस बात की टीस भी थी।

जग्गी इससे पहले प्रदेश की राजनीति में युवा नेता के साथ-साथ पार्टी के सिपहसालार थे। वर्ष 2003 में वे ब्लॉक कांग्रेस धर्मशाला के महासचिव व 2005 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पद का निर्वहन भी कर चुके हैं। हालांकि चुनाव प्रचार के लिए अभी दो सप्ताह का समय शेष है। ऐसे समय में अपनों को दुलारना और समुदाय में पैठ रखने वालों को अपने में समाहित करने की रणनीति दोनों ही पार्टियों के लिए चुनावी रण में ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है।

11 से जयराम संभालेंगे प्रचार की कमान

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 11 अक्टूबर को धर्मशाला में होंगे। इस दिन वह हलके में जनसभाएं कर भाजपा प्रत्याशी विशाल नैहरिया के पक्ष में समर्थन मांगेंगे। 12 अक्टूबर को भी उनका प्रचार अभियान जारी रहेगा।

सुधीर से भी पार्टी को आस

कांग्रेस इस बात से भलीभांति परिचित है  कि ओबीसी वर्ग में मुख्य रूप से गोरखा समुदाय को अपने पाले में करने की क्षमता पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा रखते हैं। सुधीर की पार्टी को जरूरत का प्रमाण प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने पालमपुर में भी दिया है। ऐसे में पार्टी उम्मीद कर रही है कि शीघ्र सुधीर शर्मा स्वस्थ होकर लौटें ताकि वह जिम्मेदारी संभाल सकें।


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