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बिठुल 24 की उम्र में बने घुरकाल पंचायत के प्रधान

कोरोना के शुरूआती भंयकर समय में बेजुबान जानवरों के लिए फरिश्ता बनकर आए जवालामुखी उपमंडल की घुरकाल पंचायत के बिठुल 24 साल की उम्र में प्रधान बनें हैं। बिठुल कैमेस्ट्री में स्नातक हैं। घुरकाल पंचायत के पूर्व प्रधान सुभाष चंद को हराकर प्रधान बनने में कामयाब हुए हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 08:07 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 08:07 AM (IST)
बिठुल 24 की उम्र में बने घुरकाल पंचायत के प्रधान
घुरकाल पंचायत के बिठुल 24 साल की उम्र में प्रधान बने हैं।

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। कोरोना के शुरूआती भंयकर समय में बेजुवान जानवरों के लिए फरिश्ता बनकर आए जवालामुखी उपमंडल की घुरकाल पंचायत के बिठुल 24 साल की उम्र में प्रधान बने हैं। बिठुल कैमेस्ट्री में स्नातक हैं तथा घुरकाल पंचायत के पूर्व प्रधान सुभाष चंद को हराकर प्रधान बनने में कामयाब हुए हैं।

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यह वही बिठुल है जिसने लॉकडाउन कि कड़ाई के बीच भी बेजुवान जानवरों की जान बचाने के लिए प्रशासन की सहायता निधड़क होकर ली और अपने मकसद में कामयाब भी हुए। मानवता और संवेदनशीलता के जीवंत उदाहरण बने बिठुल 21 जनवरी को पंचायती राज संस्थाओं के लिए हुए चुनाव के अंतिम चरण में विकास खंड देहरा की घुरकाल पंचायत से प्रधान चुने गए हैं।

समस्त भारत में लॉकडाउन के शुरुआती समय में 20 अप्रैल को बिठुल पहली बार सुर्खियों में आये थे। घर के नज़दीक ही उनकी नज़र एक कुत्ते के बच्चे पर पड़ी थी जो कि किसी वाहन की चपेट में आने से बुरी तरह घायल हो गया था। डॉक्टरों ने जब केवल ऑपेरशन ही उसे बचाने का विकल्प बताया तो बिठुल ने कुत्ते के बच्चे को घर से 80  किलोमीटर दूर पालमपुर पहुंचाने के लिए कांगड़ा पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन से सहायता कि फरियाद लगाई थी।

कांगड़ा पुलिस ने तब बिठुल की सहायता करके कुत्ते कि जान बचाने में सहायता की थी। यही नहीं एक बार फिर 10 दिन के बछड़े को बचाने के लिए बिठुल इस कदर भागे थे कि खुद एस पी कांगड़ा ने अपने फेसबुक एकाउंट से बिठुल की प्रशंसा के पुल बांधे थे, इस बछड़े को कुत्तों ने बुरी तरह नोच डाला था। जिसे बिठुल मौत के मुहं से खींच लाए थे। एक अन्य मामले में आवारा बैल की जान बचाने के लिए बिठुल ने सीधे पशु पालन मंत्री वीरेंदर कंवर से फरियाद लगाकर सिस्टम को हिला दिया था।

क्या करेंगे बिठुल

बिठुल ने दैनिक जागरण को बताया की वो सबसे पहले युवाओं कि जिंदगी के लिए घातक बन रहे नशे के खिलाफ पंचायत को एकजुट करेंगे। महीने में एक जलास पंचायत के अलग -अलग वार्डों में रखेंगे। कार्यों में ईमानदारी व पारदर्शीता के लिए सरकार की तरफ से आये हुए बजट के खर्च का ब्यौरा हर पंचायतबासी को किसी भी समय देंगे। पंचायत की स्वछता के लिए विशेष अभियान चलाने के साथ बीपीएल में लोगों को लेने के लिए आने वाली बिसङ्गतिओं को जड़ से खत्म करेंगे। उन्होंने वायदा किया है कि चुनाव घोषणा पत्र के 10 वायदों को पूरा नहीं कर पाए तो भविष्य में कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुक्‍त रंजन ने कहा कि बिठुल जैसे होनहार युवाओं को प्रतिनिधित्व मिलना सुखद है। लॉक डाउन में इस युवा ने बेजुवान जानवरों के लिए जिस तरह कृतिज्ञता दिखाई थी प्रशंसनीय थी। इस युवा को हमारी शुभकामनाएं हैं।


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