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Bipin Rawat: शिमला से रहा है बिपिन रावत का गहरा नाता, इस स्‍कूल में की थी पढ़ाई

Bipin Rawat Death News सीडीएस बिपिन रावत की बुधवार को हेलीकाप्टर हादसे में मौत से शिमला भी गमगीन है। बिपिन रावत का शिमला से गहरा नाता रहा है। वह प्रतिष्ठित स्कूल सेंट एडवर्ड के छात्र रह चुके हैं। वह कई बार शिमला आते थे।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 09:52 AM (IST)
Bipin Rawat: शिमला से रहा है बिपिन रावत का गहरा नाता, इस स्‍कूल में की थी पढ़ाई
13 मई, 2013 को शिमला के सेंट एडवर्ड स्‍कूल में एनसीसी कैडेट्स से मिलते बिपिन रावत। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। Bipin Rawat Death News, सीडीएस बिपिन रावत की बुधवार को हेलीकाप्टर हादसे में मौत से शिमला भी गमगीन है। बिपिन रावत का शिमला से गहरा नाता रहा है। वह प्रतिष्ठित स्कूल सेंट एडवर्ड के छात्र रह चुके हैं। वह कई बार शिमला आते थे। 13 मई, 2019 को वह शिमला आए थे। इस दौरान वह अपने स्कूल सेंट एडवर्ड गए थे। स्कूल पहुंचते वह पहले अपने क्लासरूम गए थे जहां पर वह बैठकर कक्षाएं लगाया करते थे, इसके बाद फिजिक्स लैब जाकर स्कूल में बिताए पुराने दिनों को याद कर वहां के शिक्षकों के साथ अनुभव साझा किया।

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वर्ष 1971-73 के दौरान वह इस स्कूल के छात्र रह चुके हैं। स्कूल में दौरे के दौरान बिपिन रावत ने छात्रों के साथ संवाद भी किया था। छात्रों ने उनसे पूछा कि जिंदगीमें कैसे सफल इंसान बना जा सकता है, सफलता को कैसे हासिल किया जा सकता है। छात्रों के इस सवाल का उन्होंने विस्तार से जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, 'जीवन में सफलता पाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करनी होगी। सफलता का मूल मंत्र कड़ी मेहनत ही है।Ó जनरल रावत ने एनसीसी ङ्क्षवग के छात्रों से भी बातचीत की थी। उन्होंने कहा था कि देश सेवा का जज्बा हो तो सेना ज्वाइन करें। उनके संबोधन से पूरे स्कूल के छात्र प्रोत्साहित हुए थे।

गाड़ी में जाने के बजाय मालरोड से गए थे पैदल

जनरल बिपिन रावत मई, 2019 को तीन दिवसीय दौरे पर शिमला आए थे। स्कूल में जाने के अलावा वह शिमला के रिज और मालरोड पर भी घूमने पहुंचे थे। आर्मी ट्रेङ्क्षनग कमांड से वह सीटीओ तक गाड़ी में आए थे। इसके बाद सीटीओ से वह होटल क्लार्क तक मालरोड तक पैदल ही घूमने गए थे। अपने दौरे के दौरान उन्होंने राज्यपाल और राज्य के उच्च पदाधिकारियों से भी मुलाकात की थी।

डिफेंस फोर्सेज में किए कई बड़े बदलाव : अतुल कौशिक

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि जनरल बिपिन रावत गोरखा रेजिमेंट में थे। कश्मीर के सोपोर और बादीपुर इलाके में उनके साथ था। वह अच्छे इंसान भी थे। सीडीएस बनने के बाद उन्होंने डिफेंस फोर्सेज में कई बड़े बदलाव किए थे। उनके (बिपिन रावत) साथ जब उनकी पोङ्क्षस्टग थी तो काफी कुछ सीखने को मिला। उनका अचानक इस तरह से चले जाना बहुत बड़ी क्षति है।

उग्रवाद के खात्मे के लिए किया था बड़ा काम : मेजर जनरल डीबीएस राणा

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष मेजर जनरल धर्म बीर सिंह (डीबीएस) राणा ने कहा कि जब वह असम में कमांऊ रेजिमेंट के कमांङ्क्षडग आफिसर थे तो उस समय बिपिन रावत उनके कोर कमांडर थे। नगालैंड के दीमापुर में पोस्टिंग थे। जुलाई, 2014 से मार्च, 2015 के बीच का समय था। उत्तर पूर्व में उग्रवाद के खात्मे को लेकर उन्होंने बहुत बड़ा काम किया था। यह बात शायद किसी को पता नहीं होगी कि उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ चीन की 1100 किलोमीटर सीमा लगती है जहां पर चीनी सेना की गतिविधियों को उन्होंने रोक कर रखा था। म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व भी उन्होंने किया था। उनका अचानक चले जाना बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार के साथ काफी निकट संबंध थे।


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