गायकी के आसमान पर गगन
कला कभी छिपती नहीं, बस उनको जरूरत है एक सही मंच मिलने की। ऐसा ही एक मंच मिला नूरपुर के कुखेड़ गांव के गगन जंबाल को। जिसे साइंस के छात्र से गायक बना दिया और आज गगन बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। नूरपुर के कुखेड़ गांव में जन्मे गगन जंबाल साइंस विषय के छात्र थे ओर स्कूल में फेयरवेल पार्टियों में गाते थे। गगन की गायकी के कायल एक अध्यापक ने गगन को साइंस की जगह म्यूजिक विषय रखने की सलाह दी।
संवाद सहयोगी, नूरपुर : कला कभी छिपती नहीं है। बस उसे जरूरत होती है सही मंच मिलने की। ऐसा ही मंच मिला नूरपुर के कुखेड़ निवासी गगन जंबाल को और आज वे बॉलीवुड में अलग पहचान बनाए हुए हैं। गगन जंबाल साइंस विषय के छात्र थे और स्कूल में फेयरवेल पार्टियों में गाते थे। गायकी से प्रभावित अध्यापक ने गगन को साइंस की बजाय म्यूजिक विषय रखने की सलाह दी। बस इसके बाद गगन जंबाल के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया कि आज वे फिल्म नगरी मुंबई में आवाज व संगीत का डंका बजा रहे हैं।
उनके करियर की शुरुआत देहरी कॉलेज से शुरू हुई। इसके बाद 2005 में चंडीगढ़ से पंजाब विश्वविद्यालय से म्यूजिक में पीएचडी की और बाद में मुंबई का रुख किया। फिल्म नगरी में उन्हें शुरुआत में परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। धीरे-धीरे गगन आवाज के दम पर आगे बढ़ते गए तथा कड़ी मेहनत से उन्होंने गायकी और संगीत की दुनिया में अलग मुकाम हासिल कर लिया। वह मुंबई के अलावा देश-विदेश में कई जगह लाइव शो कर चुके हैं। इसके अलावा वह कुछ साल पहले देश के बेहतरीन संगीतकार राजेश रोशन के साथ भोपाल में बतौर गायक लाइव शो कर चुके है। फिल्मी दुनिया के सितारों जावेद अली, राजा हसन व सिद्धार्थ महादेवन ने गगन जंबाल के संगीत में कई गाने गाए हैं। बतौर गायक व संगीतकार उनकी तीन बॉलीवुड फिल्में छोटू, इश्कम व इश्कजाल फ्लोर है। गगन ने सफलता का श्रेय माता लीला देवी व पिता कौशल सिंह को दिया है। गगन अध्यापक चंद्रशेखर डोगरा का भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने उन्हें म्यूजिक विषय रखने के लिए सलाह दी थी। पहाड़ी से भी गगन जंबाल का विशेष लगाव है। गगन जल्द पहाड़ी गीत 'पीनी है अज्ज' को लांच करने के लिए मुंबई से मंगलवार को नूरपुर आ रहे हैं। गगन जंबाल मुंबई में ड्रीम गर्ल हेमामालिनी को भी संगीत का प्रशिक्षण भी दे चुके हैं। इसके अलावा अन्य नामी हस्तियां भी उनसे प्रशिक्षण ले रही हैं।