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विस्तार के साथ नगर निगम की ओर कदमताल

पलम घाटी के मुख्य केंद्र पालमपुर को कभी जिला बनाने तो कभी नगर निगम क

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:06 AM (IST)
विस्तार के साथ नगर निगम की ओर कदमताल
विस्तार के साथ नगर निगम की ओर कदमताल

मुनीष दीक्षित, पालमपुर

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पलम घाटी के मुख्य केंद्र पालमपुर को कभी जिला बनाने तो कभी नगर निगम का दर्जा देने की मांग दो दशक से उठती आ रही है। इस बार भी पालमपुर को नगर निगम बनाने की मांग मुखर हुई, तो सरकार ने भी इसके लिए प्रशासन से पूरा मसौदा मांगकर इस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया। हालांकि अभी मामला नगर परिषद के दायरे को बढ़ाने तक सीमित है। लेकिन कई जनप्रतिनिधियों का मानना है कि जल्द ही नगर निगम पर भी सरकार अंतिम मुहर लगा देगी। वीरवार को सरकार ने परोक्ष रूप से कहा है कि विस्तार के बाद पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दे दिया जाएगा।

इस मसले पर भाजपा के अधिकतर नेता एकजुट होकर नगर निगम की उपलब्धि के खिताब को अपने नाम करने की तैयारी में हैं, तो कांग्रेस नेता इस मुहिम को ग्रामीण क्षेत्रों से दूर रखने की सरकार से अपील कर कहीं न कहीं जनभावनाओं को अपने साथ करने की तैयारी में हैं। खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी पालमपुर को नगर निगम बनाने की मांग उठा चुके हैं।

नगर परिषद में मिलाए दस पटवार सर्किल

उपमंडल प्रशासन ने सरकार को प्रारूप भेजा है। इसमें मौजूदा नगर परिषद के साथ कई पंचायतों को जोड़ने का खाका बनाया गया है। नगर परिषद का विस्तार कर इसमें दस पटवार सर्किलों के गांव शामिल किए हैं। इसके विस्तार के लिए जिन पंचायतों को शामिल किया है उनमें शहर के आसपास लगती आईमा, लोहना, बंदला, घुग्घर, चौकी, खलेट, बिद्रावन, बनघियार, कलियालकड़, होल्टा, टांडा, राजपुर, मुहाल बनूरी व बनूरी खास शामिल हैं। इन पंचायतों के जुड़ने के बाद नगर निगम के लिए तय की जनसंख्या यानी 40 हजार का आंकड़ा पार हो पाएगा।

इतना हो जाएगा क्षेत्र

मौजूदा समय में नगर परिषद पालमपुर केवल 0.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें प्रस्तावित क्षेत्र 14.96 वर्ग किलोमीटर जुड़ जाता है, तो इसका कुल क्षेत्र 15.63 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। नगर परिषद की जनसंख्या 3544 है, जबकि प्रस्तावित क्षेत्र की 40765 है। ऐसे में अगर सभी क्षेत्र जुड़ जाते हैं, तो यहां की कुल आबादी 44309 हो जाएगी। साथ ही कुल घरों का आंकड़ा भी 9300 के पार पहुंच जाएगा, जो अभी एक हजार के करीब है।

आईमा, लोहना, घुग्घर, बिंद्रावन हो रही विकसित

नगर निगम के प्रारूप में जिन पंचायतों को जोड़ा जाएगा, उनमें से आईमा, लोहना, घुग्घर, बिंद्रावन, बनघियार आदि तो शहर के रूप में विकसित हो रही हैं। शेष पंचायतें अभी ग्रामीण क्षेत्र की तरह ही हैं। ऐसे में अब नगर निगम को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के बीच भी असमंजस पैदा हो रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। नगर परिषद की कई पंचायतों से कम आबादी

पालमपुर नगर परिषद की आसपास की पंचायतों से भी काफी कम आबादी है। इस पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। जनगणना 2011 के अनुसार नगर परिषद की आबादी 3544 के करीब है। हालांकि इसके आसपास की कुछ पंचायतें ऐसी हैं, जिनकी जनसंख्या इससे भी अधिक है।

------------ -नगर निगम समय की जरूरत है। यदि पिछली बार जनगणना न हो रही होती, तो नगर निगम उसी समय बन जाना था। अब साहसिक मोदी सरकार ने इसे लेकर अच्छा निर्णय लिया है कि जनगणना के दौरान नगर निकाय व पंचायतों के विस्तार में पूरी छूट है। इसका विरोध नहीं करना चाहिए। आने वाले समय में जनता को लाभ ही होगा। आज पालमपुर को मेट्रो सिटी की जरूरत है और यही हमारी पीढ़ी की भी मांग है।

-प्रवीण कुमार, पूर्व विधायक, पालमपुर। मैं नगर निगम के विरोध में नहीं हूं। लेकिन इसके विस्तार में हमें ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं लेना चाहिए। इसमें लोगों की राय जरूरी है। साथ ही सरकार को यह भी बताना होगा कि यदि इसे नगर निगम बनाया जाता है, तो यहां स्टाफ की क्या व्यवस्था होगी। कई नगर निकायों में सालों से स्टाफ ही नहीं है। ऐसा न हो कि यहां भी वही हाल हो जाए। इस संबंध में सरकार लोगों को स्पष्ट करे।

-आशीष बुटेल, विधायक, पालमपुर।

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पंचायत प्रतिनिधियों की राय

-अब पालमपुर के साथ लगती पंचायती क्षेत्र लगातार शहर की तरह विकसित हो रहा है। ऐसे में यहां अच्छी सुविधाओं की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि नगर निगम बने। पंचायतों के पास समिति साधन होते हैं। इसमें लोगों की राय भी ली जा सकती है।

-संजीव राणा, पूर्व प्रधान, आईमा पंचायत। -यह सरकार ने तय करना है। घुग्घर पंचायत ने इस संबंध में कोई एनओसी नहीं दी है। सरकार इस बारे में लोगों से भी अपत्तियां जरूर ले। जैसे लोगों की राय हो, वैसा ही किया जाना चाहिए। इस संबंध में लोगों को पहले जागरूक भी किया जाना चाहिए।

-ललित शर्मा, प्रधान, घुग्घर पंचायत। -अब शहर का दायरा बढ़ रहा है। ऐसे में नगर निकाय का दायरा भी बढ़ना चाहिए। पालमपुर का नगर निगम बनना अच्छी बात है। इसे लेकर पहल की जानी चाहिए। लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है।

-अंजना सोनी, प्रधान, लोहना पंचायत। -खलेट पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है। यहां के लोग इसके विरोध में है। सरकार को यदि लगता है कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी नगर निगम में शामिल करना है, तो इसके लिए लोगों से बात की जाए। उन्हें इसके लाभ व नुकसान के बारे में पूरी तरह से समझाया जाए।

-हेमा ठाकुर, प्रधान, खलेट पंचायत। -बंदला पंचायत में 99 फीसद ग्रामीण आबादी है। यहां के लोग कृषि व पशुपालन से जुड़े हुए हैं। नवंबर 2019 में ग्राम सभा में लोगों से इस संदर्भ में राय मांगी थी, लेकिन सभी ने इसका विरोध किया था। जनता की राय के अनुसार ही पंचायत को नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए।

-विजय भट्ट, प्रधान, बंदला पंचायत। -हमारी पंचायत के लोग नगर निगम में शामिल होने के पक्ष में नहीं है। लोगों का कहना है कि राजपुर पंचायत ही बने रहे। जनता के लिए यही उचित रहेगा। इस पंचायत का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र ही है।

-किरण धीमान, प्रधान, राजपुर पंचायत। -बनघियार पंचायत में मारंडा बाजार का बड़ा हिस्सा है। यह शहर की तरह से विकसित हो रहा है। ऐसे में मेरी राय है कि इसका विस्तार होना चाहिए। यह बहुत जरूरी है। बढ़ते शहर में सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइटों व शौचालयों का प्रबंध चुनौती है। लोगों की भी इस संबंध में राय लेनी चाहिए।

-त्रिलोक राणा, प्रधान, बनघियार पंचायत। --------------------

पालमपुर के समाजसेवियों की राय

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पालमपुर को नगर निगम बनाना समय की जरूरत है। इसके साथ जुड़ने वाले सभी ग्रामीण इलाकों में भी विकास कार्य तेजी से होंगे। कहीं भी लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। ऐसे में इसका विरोध नहीं होना चाहिए। हम सभी को इसके लिए आगे आना चाहिए।

-रविंद्र सूद, समाजसेवी। मैं 15 साल से इसके पक्ष में हूं। लगातार क्षेत्र का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन सुविधाएं जस की तस हैं। ऐसे में इसका विस्तार होना जरूरी है। इसे सरकार को नगर निगम का दर्जा देना चाहिए

-राजीव जम्वाल। -पालमपुर को आगे बढ़ने के लिए नगर निगम एक बड़ा आधार है। हम स्वागत करते हैं सरकार का और पूर्व सीएम शांता कुमार का जिन्होंने इस पहल को आगे बढ़ाया है। उम्मीद है कि पालमपुर जल्द नगर निगम बनेगा।

-जगमेल कटोच, वरिष्ठ अधिवक्ता, पालमपुर। पालमपुर नगर निगम बनना चाहिए। इस दिशा में सरकार ने पहल कर दी है। काफी लोग अब चाह रहे हैं कि पालमपुर आगे बढ़े। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी बधाई के पात्र हैं।

-सचिन वर्मा, मनोनीत पार्षद, पालमपुर।

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बिना तैयारियों के न उठाया जाए कदम : राधा

नगर परिषद पालमपुर की अध्यक्ष राधा सूद का कहना है कि नगर निगम जरूर बनना चाहिए, लेकिन बिना पूरी तैयारियों के कदम न उठाया जाए। बिना स्टाफ व फंड के पहले भी कई नगर निकायों को मुश्किल हुई है। चाहे धर्मशाला नगर निगम हो या नगर पंचायत बैजनाथ। वहां आज तक पूरा स्टाफ नहीं आ पाया है। ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने से पहले राय जरूर ली जाए। नगर निगम बनने पर व्यवस्थाएं सुधरेंगी : शांता कुमार

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि यह अच्छी बात है कि पालमपुर नगर परिषद का विस्तार हो रहा है। पालमपुर में कई बड़े संस्थान भी हैं, लेकिन यहां सफाई के लिए इस तरह की व्यवस्था नहीं है। अब पालमपुर नगर निगम बनेगा तो सभी प्रकार की व्यवस्थाएं भी सुधरेंगी। सरकार का मंडी, सोलन और पालमपुर को नगर निगम बनाने की दिशा में उठाए गए जयराम सरकार का कदम सराहनीय है।


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